100 छात्राओं की हीमोग्लाबिन जांच में 10 मिली एनेमिक
को हीमोग्लोबिन जांच शिविर लगाया गया। जिला अस्पताल की पैथालॉजी टीम ने 100 छात्राओं के खून की जांच की। इसमें 10 छात्राओं में हीमोग्लोबिन मानक स्तर से कम पाया गया। चिकित्सकों ने छात्राओं को उचित खान-पान के जरिए रक्तअल्पता से बचने का उपाय बताया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिविर लगाया गया। इसका शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मोहिनी गोयल ने किया। डॉ. हीरालाल के नेतृत्व में जिला अस्पताल की पैथालॉजी टीम ने 100 छात्राओं का परीक्षण किया। इसमें 10 छात्राओं में हीमोग्लोबिन का स्तर छह से सात पाया गया। इन छात्राओं को एनीमिया से बचाने के लिए उठाए जाने वाले कदम व नियमित आहार के बारे में भी चिकित्सकों ने बताया। डॉ. लाल ने कहा कि किशोरावस्था में खून की कमी चिता का विषय है। नजरअंदाजी आगे चलकर गंभीर हो जाती है। छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारियां भी दी गई। डॉ. कंचनलता त्रिपाठी डॉ. अंजलि डॉ. अमृता मिश्रा डॉ
संसू, बहराइच : शहर के महिला महाविद्यालय में बुधवार को हीमोग्लोबिन जांच शिविर लगाया गया। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी टीम ने 100 छात्राओं के खून की जांच की। इसमें 10 छात्राओं में हीमोग्लोबिन मानक स्तर से कम पाया गया। चिकित्सकों ने छात्राओं को उचित खान-पान के जरिए रक्ताल्पता से बचने का उपाय बताया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिविर लगाया गया। इसका शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मोहिनी गोयल ने किया। डॉ. हीरालाल के नेतृत्व में जिला अस्पताल की पैथोलॉजी टीम ने 100 छात्राओं का परीक्षण किया। इसमें 10 छात्राओं में हीमोग्लोबिन का स्तर छह से सात पाया गया। इन छात्राओं को एनीमिया से बचाने के लिए उठाए जाने वाले कदम व नियमित आहार के बारे में भी चिकित्सकों ने बताया। डॉ. लाल ने कहा कि किशोरावस्था में खून की कमी चिता का विषय है। नजरअंदाजी आगे चलकर गंभीर हो जाती है। छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारियां भी दी गई। डॉ. कंचनलता त्रिपाठी, डॉ. अंजलि, डॉ. अमृता मिश्रा, डॉ. रीमा शुक्ला व अन्य लोग मौजूद रहे।