अब फसल बीमा अनिवार्य नहीं, किसानों के लिए स्वैच्छिक
बैंकों को 24 जुलाई तक बीमा न कराने का देना होगा संस्तुति पत्र
संसू, बहराइच : प्रधानमंत्री की ड्रीम फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब किसान क्रेडिट धारक (केसीसी) व अन्य किसानों के लिए बीमा कराना अनिवार्य नहीं है, बल्कि किसानों की मर्जी पर बैंक प्रीमियम की कटौती कर सकेंगे। किसानों को बीमा न कराने की लिखित संस्तुति बैंकों को देनी होगी। सरकार के इस फैसले के बाद बीमा को लेकर किसान व बैंक के बीच चल रहे गतिरोध पर ब्रेक लग गया है।
केंद्र सरकार ने दैवीय आपदा से किसानों को राहत देने के लिए 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू किया था। योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड धारी किसानों के लिए बीमा अनिवार्य किया गया था। बैंक किसानों से बिना किसी सहमति के सीधे प्रीमियम की कटौती कर ले रहे थे, जबकि अन्य किसानों के लिए स्वैच्छिक था। ऋणी किसान बैंकों को के इस रवैया का लगातार विरोध कर रहे थे। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने केसीसी धारक किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें फसल बीमा की स्वैच्छिक छूट दी है। सरकार के इस फैसले से किसानों को राहत मिली है, हालांकि किसानों को 24 जुलाई तक बैंकों को लिखित रूप से कराने की संस्तुति पत्र देना अनिवार्य होगा। ----------- यह है प्रीमियम की दरें -रबी व खरीफ मौसम में उगने वाली फसलों के लिए प्रीमियम दर अलग-अलग रखी गई हैं। खरीफ की फसल के लिए दो फीसदी व रबी की फसल के लिए 1.5 प्रीमियम का भुगतान करना किसानों को करना होता है। ------------ प्रधानमंत्री फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया गया है। किसानों को जिस बैंक से केसीसी बनी है, वहां लिखित रूप से बीमा न कराने का संस्तुति पत्र देना होगा।
-सतीश कुमार पांडेय, जिला कृषि अधिकारी