बेटियां बनी थानेदार, महज चार घंटे में सुझाया क्राइम कंट्रोल का फार्मूला
सुनी फरियाद पुलिस कर्मियों को भेजकर समस्या का कराया निस्तारण
जागरण टीम, बहराइच : रविवार को दिन बेटियों के नाम रहा। एक दिन के लिए थानेदार बनी बेटियों ने सिर्फ क्राइम कंट्रोल का फार्मूला ही नहीं सुझाया, बल्कि मौके पर छोटे-छोटे मामलों को निस्तारित कराकर सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को भी जाहिर किया। थाने में आने वाले फरियादियों की फरियाद सुनी। खासकर नारी सुरक्षा व महिला हिसा के मामलों में लापरवाही पर नाराजगी जताई। कहा कि नारी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। छोटे मामलों की अनदेखी से ही घरेलू हिसा में बढ़ोतरी होती है।
महिला थाने में कुर्सी संभालने वाली बाल शिक्षा निकेतन की छात्रा उमा सिंह ने फरियाद लेकर पहुंची महिला की फरियाद सुनी। इसके बाद संबंधित हल्का प्रभारी को मौके पर जाकर निस्तारण के निर्देश दिए। नानपारा में इरा फात्मा को प्रभार मिला। मारपीट का मामला लेकर पहुंचे फरियादी की बात सुनी। इसके बाद महिला कांस्टेबल किरण चौधरी व अंशी तिवारी को निस्तारण के निर्देश दिए। कहा कि अपराध पर नियंत्रण पुलिस की प्राथमिकता है। खैरीघाट थाने में थानेदार बनी मानसी तिवारी ने छह पीड़ितों की फरियाद सुनी। इसके बाद शिकायती पत्र को अग्रसारित किया। कहा कि निडर होकर महिलाएं पुलिस के समक्ष अपनी बात रखें। फखरपुर की थानेदार बनने पर आंचल ने रजिस्टर नंबर चार व आठ का अवलोकन किया। इसके बाद मालखाना, कंप्यूटर कक्ष, मेस व महिला हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने महिलाओं के आए मामलों के निस्तारण का फीडबैक लिया। इसके बाद दुजईपुरवा शिवराजपुर पहुंचकर मामले का निस्तारण भी कराया। पयागपुर में कनिका सिंह ने फरियादियों की समस्याएं सुनी। कहा कि पुलिस अपने कर्तव्यों से विमुख नहीं हो सकती। छोटे-छोटे मामलों को मौके पर जाकर निस्तारण कराएं।
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बेबाक रखें अपनी बात, पुलिस वर्किंग से होंगी परिचित
- एसपी डॉ.विपिन कुमार मिश्र ने कहा कि बेटियों को थाने की कमान सौंपने के पीछे उनका मकसद उनके अंदर पुलिस को लेकर पैदा भ्रम को निकालना है। साथ ही पुलिस के वर्किंग से वे परिचित होंगी। कहा कि बेबाकी से अपनी समस्याओं को पुलिस के पटल पर रखें, ताकि महिला सुरक्षा व घरेलू हिसा पर रोक लगाई जा सके।
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विधि सम्मत फैसले होंगे मान्य
- एसपी ने कहा कि सिर्फ उन्हें पुलिस वर्किंग के लिए ही कमान नहीं सौंपी गई है, बल्कि चार घंटे के प्रभार के दौरान बेटियों की ओर से थानेदार के रूप में लिए गए विधि सम्मत फैसलों को भी लागू किया जाएगा। इसके लिए थानाध्यक्षों से बेटियों की ओर से किए गए फैसले की रिपोर्ट मांगी गई है।