घाघरा की धारा में आठ बीघे जमीन व तीन आशियाने समाहित
बढ़ रहा जलस्तर तटवर्ती गांवों के लोगों की बढ़ी धड़कनें
संसू बौंडी(बहराइच):घाघरा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने से घाघरा और विकराल हो गई है। तटवर्ती गांवों में कटान भी तेज हो गई है। धारा में आठ बीघे खेती की जमीन व तीन आशियाने समाहित हो गए।
बौंडी थाना क्षेत्र के पिपरी, कोरहवा व टिकुरी में घाघरा की कटान तेज हो गई है। टिकुरी निवासी जानकी, मंशा व किरन देवी के आशियाने घाघरा की लहरों में समाहित होने लगे हैं। बौंडी के टेपरा में भी लहरों ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। नतीजन इन गांवों के रामपाल, कालिया, व राजेश समेत अन्य किसानों की करीब आठ बीघे कृषि योग्य भूमि भी लहरों की भेंट चढ़ गई। पिपरी का किला भी धारा में समाहित हो रहा है। तहसीलदार महसी राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि टिकुरी ग्राम पंचायत में तीन ग्रामीणों के आशियाने धारा में समाहित हो गए हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करवा दिया गया है। तिरपाल वितरित किए गए हैं। क्षेत्रीय कोटेदार को अनाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। आशियाने कटने की रिपोर्ट भेज कर अनुदान दिया जाएगा।
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लाल निशान से 32 सेमी नीचे जलस्तर
सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि रविवार को शारदा बैराज से 39395 क्यूसेक, गिरजापुरी बैराज से 107287 व सरयू बैराज से 151167 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सुबह आठ बजे एल्गिन ब्रिज पर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष घाघरा का जलस्तर 105.746 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 32 सेंटीमीटर दूर है।