यहां इमरजेंसी सेवाएं बताकर निकाले जाते हैं वाहन
टोल प्लाजा शहावपुर में एमरजेंसी सेवाएं सिर्फ कागजों पर संचालित हैं। हाईवे पर पेट्रोलिग होती है और न ही टोल पर एंबुलेंस सेवा ही मौजूद रहती है। कैश काउंटर पर पैसा वसूलने की धीमी गति के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
बाराबंकी : टोल प्लाजा शहावपुर में एमरजेंसी सेवाएं सिर्फ कागजों पर संचालित हैं। हाईवे पर पेट्रोलिग होती है और न ही टोल पर एंबुलेंस सेवा ही मौजूद रहती है। कैश काउंटर पर पैसा वसूलने की धीमी गति के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
बहराइच राजमार्ग पर जिला मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर दूरी पर शहावपुर में टोल प्लाजा है। यहां वाहनों से टोल तो लिया जाता है लेकिन सुविधाएं नाम मात्र की हैं। ऐसे में वाहनों मालिकों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
टोल प्लाजा पर इमरजेंसी सेवा के लिए एंबुलेंस, क्रेन, हाईवे पेट्रोलिग, कॉरीडोर स्टॉप और सभी टोल कर्मियों को वर्दी में रहना चाहिए। यह नियम शहावपुर टोल प्लाजा पर लागू नहीं होता है। यहां ज्यादातर सिग्नल लाइट बंद रहती हैं। रात में स्ट्रीट लाइट भी बंद रहती है। शौचालयों में ताला लगा रहता है। खास बात यह है कि कैश काउंटर के दोनों तरफ भीड़ न लगने पाए, तेजी गति से टोल वसूला जाए। यहां लंबी लाइन लगी रहती है और लोगों को घंटों का इंतजार करना पड़ता है। जबकि, फास्टैग लेन के आगे टोलकर्मी बैठते हैं, जो बिना फास्टैग के आने वाले वाहनों को रोककर कैश काउंटर की ओर भेजते हैं।
यह भी लगे आरोप : दिनेश, राहुल, अंकित, राहुल बताते हैं कि वह प्रतिदिन बाराबंकी और लखनऊ जाते हैं। उनके वाहनों में फास्टैग लगा हुआ है। यहां अक्सर देखा जाता है कि इमरजेंसी सेवाओं के नाम पर ऐसे तमाम वाहन निकाले जाते हैं, जो इमरजेंसी सेवाओं में नहीं आते हैं। टोल के पास से यह नई लेन बनी है, जिसपर रोक-टोक नहीं है। -------------- कैश और फास्टैग से इतर लेन से सिर्फ सिर्फ इमरजेंसी सेवा से संबंधित वाहन ही निश्शुल्क वाहन निकाले जाते हैं। यहां एंबुलेंस और हाईवे पेट्रोलिग के लिए अलग-अलग टेंडर हैं, जो अपना कार्य कर रहे हैं।
-आरपी यादव, टोल मैनेजर, शहाबपुर।