सामूहिक दुष्कर्म में 20 वर्ष का कठोर कारावास
अनुसूचित जाति महिला को बरगलाकर जंगल में ले जाकर किया था दुष्कर्म अदालत से जासं बहराइच विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट सुरेशचंद्र द्वितीय ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो अभियुक्तों को मंगलवार को दोष सिद्ध ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
जासं, बहराइच : विशेष न्यायाधीश (एससी एसटी एक्ट) सुरेशचंद्र द्वितीय ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो अभियुक्तों को मंगलवार को दोष सिद्ध ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी द्विजेंद्र सिंह ने बताया कि कोतवाली मुर्तिहा के एक गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 21 जनवरी 2016 को लखीमपुर खीरी जिले के रमिया बेहड़ अस्पताल में ट्रेनिग के लिए गई थी। ट्रेनिग समाप्त होने के बाद वह बस पकड़कर लगभग साढ़े पांच बजे सिसैया पहुंची। कोई साधन न मिलने पर वह इंतजार में बैठी रहीं। इसी दौरान दो लोग उसे मिले और कहने लगे कि हम तुमको जानते हैं। नजदीकी गांव लौकहिया में हम रहते हैं। विश्वास होने पर आशा बहू के साथ वह गाड़ी पर बैठकर आई। आशा बहू रास्ते में ही अपने मायके चली गई और वह अकेले पड़ गई। नौबना जंगल के पास उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने गुड्डू उर्फ रामगोपाल यादव पुत्र सहजराम यादव व सुनील उर्फ टीपू पुत्र एकराम निवासी सहजरामपुरवा मझरा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया। सत्र परीक्षण के दौरान न्यायालय ने दो अभियुक्तों को दोष सिद्ध ठहराते हुए सजा सुनाई। अर्थदंड की धनराशि अदा किए जाने पर अर्थदंड की 50 फीसद धनराशि पीड़िता व उसके परिवार को मिलेगा।