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फर्जी वर्क आर्डर तैयार कर पीडब्ल्यूडी में ढाई करोड़ का खेल

तीन ठेकेदारों के नाम तैयार किए गए 20 वर्क आर्डर विभागीय अधिकारी व लिपिकों की मिलीभगत से हुआ घोटाला

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:58 PM (IST)
फर्जी वर्क आर्डर तैयार कर पीडब्ल्यूडी में ढाई करोड़ का खेल
फर्जी वर्क आर्डर तैयार कर पीडब्ल्यूडी में ढाई करोड़ का खेल

बहराइच : पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड में फर्जी काम का वर्क आर्डर बनाकर करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया। जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी से इस बात का खुलासा होने के बाद पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आरटीआइ कार्यकर्ता ने राज्य सूचना आयोग में इसकी शिकायत की है। मामले को गंभीरता से लेकर आयोग ने अंतिम सुनवाई की तिथि तय की है।

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प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों ने 18 जुलाई 2016 से लेकर 10 फरवरी 2017 के बीच अलग-अलग पैनकार्ड का इस्तेमाल कर दो करोड़ 54 लाख 83 हजार 50 रुपये का बंदरबांट कर लिया। तीन ठेकेदारों के नाम वर्क आर्डर तैयार कर पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया। इस मामले में प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता, पदेन सहायक अभियंता व बांड लिपिक व कई अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत रही।

आरटीआइ कार्यकर्ता रोशनलाल नाविक ने इस मामले में 18 अगस्त 2018 को सूचना अधिकार कानून का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस वित्तीय अनियमितता में शामिल लोगों पर कार्रवाई के लिए जांच की मांग की, लेकिन मामले को दबा दिया गया। उन्होंने 31 दिसंबर 2018 को प्रथम अपील डीएम के यहां की, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात रहा। इसके बाद उन्होंने पांच जून 2019 को द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग लखनऊ में की।

आयोग ने 27 जून को मामले को जांच अधिकारी रहे सीआरओ को बुलाया। सीआरओ ने शिकायतकर्ता को साक्ष्य या शपथपत्र देने की बात कही। 24 अक्टूबर को शपथपत्र देने के बाद जांच अधिकारी को एक माह के भीतर जांच पूर्ण कर आयोग को अवगत कराना था। तब से अब तक छह माह बीतने को हैं, लेकिन मामले की जांच अधर में लटकी है। इस मामले में आयोग अंतिम सुनवाई सात जुलाई को करेगा।


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