बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे ई-रिक्शा चालक
बच्चों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार बने संवेदनहीन व्यावसायिक वाहन की तरह ई-रिक्शा का हो रहा इस्तेमाल
बहराइच : परिवहन विभाग में स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने के लिए स्कूल बस, वैन या टेंपो को रजिस्टर्ड किया गया है, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ई-रिक्शों से स्कूली बच्चों को लाया जा रहा है। चंद पैसे बचाने के चक्कर बच्चों की जान पर खतरा मंडराता रहता है।
यूपी मोटर यान 26वां संशोधन नियमावली 2019 के अंतर्गत स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने के लिए ई-रिक्शा को प्रतिबंधित किया गया है। परिवहन विभाग में अगर किसी बस या वैन का स्कूली वाहन के रूप में रजिस्ट्रेशन होता है तो तय समय सीमा के अंदर उनकी फिटनेस की जांच की जाती है।
व्यावसायिक वाहन की तरह इस्तेमाल
व्यावसायिक उपयोग होने के चलते ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है। खुलेआम ई-रिक्शों में सामान लादकर माल वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे परिवहन विभाग को लाखों रुपये का चूना भी लग रहा है।
गाइडलाइन
- वर्दी में होने चाहिए ड्राइवर और कंडक्टर।
- पीले रंग के वाहन पर आगे-पीछे स्कूल का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज हो।
- वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी, फस्ट एड बाक्स होने चाहिए।
- अग्निशमन यंत्र, अलार्म और सायरन लगा होना चाहिए।
- विडो पर पांच सेंटीमीटर के अंतराल पर स्टील के चार राड लगे हों। कोट
नियमों को दरकिनार करने वाले ई-रिक्शा चालकों पर हर हाल में शिकंजा कसा जाएगा। मासूमों को लाने ले जाने वाले ई-रिक्शा को सीज किया जाएगा।
- राजीव कुमार, एआरटीओ बहराइच स्कूल संचालकों और अभिभावकों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाएगा। बच्चों को लाने व ले जाने वाले ई-रिक्शा को सीज कराया जाएगा।
- आनेंद्र यादव, यातायात प्रभारी