चिल्ड्रेन वार्ड का बेड फुल, फर्श पर हो रहा इलाज
बहराइच : बच्चवा के जान बचावै का रहा साहब तो भर्ती होए गएन। न तो फर्श पर बिछावै के खातिर च
बहराइच : बच्चवा के जान बचावै का रहा साहब तो भर्ती होए गएन। न तो फर्श पर बिछावै के खातिर चादर मिला और न ही इलाज करावै के खातिर बेड। यह दर्द जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड परिसर के दरवाजे के पास अपने पोते का इलाज कराने आए गिलौला निवासी शंकर दयाल का है।
देवीपाटन मंडल में अच्छे इलाज के लिए शुमार जिला अस्पताल बहराइच को इस समय खुद अपने इलाज की दरकार है। अस्पताल का चिल्ड्रेन वार्ड पूरी तरह से हाउस फुल हो गया है। एक बेड पर दो या तीन बच्चे भर्ती होने पर मजबूर हैं। तीमारदार अपने बच्चे का इलाज फर्श पर करा रहे हैं। आलम यह है कि भर्ती हो रहे मरीजों को अस्पताल प्रशासन जमीन पर बिछाने के लिए चादर तक नहीं मुहैया करा पा रहा है। गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती वे पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से आने वाले तीमारदार अपने बच्चे का इलाज फर्श पर बिना चादर बिछाए ही करा रहे है। श्रावस्ती जिले के गिलौला थाना क्षेत्र झारखंडी निवासी जयकुमार के 10 वर्षीय पुत्र सुशील को तेज बुखार हो गया। नजदीकी स्वाथ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया तो वहां से बच्चे की हालत को गंभीर बताते हुए बहराइच रेफर कर दिया गया। यहां चिकित्सकों ने भर्ती करने की सलाह दी। बच्चे को भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन उसे एक चादर तक नसीब नहीं हुआ। वह फर्श पर ही अपने बच्चे का इलाज कराने को मजबूर है। जिला अस्पताल के पीआईसीयू में 10 तो चिल्ड्रेन वार्ड में 40 बेड हैं। सभी बेड फुल हो गए हैं। सीएमएस डॉ. ओपी पांडेय ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त संसाधन के अनुसार मरीजों को सुविधाएं दी जा रही है। मौसम में बदलाव के चलते अचानक बच्चे की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रयास किया जा रहा है कि सभी बच्चों का इलाज बेड पर हो।