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गंदगी व सेवार के बीच दिख रहा आस्था का संगम

चित्तौरा व अनारकली झील पर सफाई के नहीं हुए इंतजाम दरगाह शरीफ आने वाले जायरीन को उठानी पड़ रहीं मुश्किलें

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:55 PM (IST)
गंदगी व सेवार के बीच दिख रहा आस्था का संगम
गंदगी व सेवार के बीच दिख रहा आस्था का संगम

बहराइच : दरगाह शरीफ का जेठ मेला शुरू होने में तीन दिन ही बचे हैं। अब तक अनारकली और चित्तौरा झील पर सफाई का काम तक शुरू नहीं हो सका है। मेले में आने वाले जायरीन को गंदगी व सेवार के बीच नहाने को मजबूर होना पड़ेगा।

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दरगाह शरीफ की मजार पर जियारत के लिए जायरीन पहुंचने शुरू हो गए हैं। मेले में आने वाले जायरीन सबसे पहले चित्तौरा झील के तट पर स्नान करते हैं। यहां पूजा-अर्चना के बाद सभी दरगाह पहुंचते हैं। झील के तट पर गंदगी पड़ी हुई है। सेवार के बीच मेलार्थी नहाने को मजबूर हैं।

इसी तरह से दरगाह शरीफ के पश्चिम दिशा में स्थित अनारकली झील भी आस्था का प्रतीक है। इस झील के तट पर भी नहाने के बाद मजार की जियारत करने की परंपरा है। यहां भी तट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यहां मौजूद सबीना, रुकसाना, राजेश, मतलू ने बताया कि अभी तक कोई भी सफाई कर्मी नहीं पहुंचा है।

अचानक होने लगी सफाई

पंचायतीराज विभाग की ओर से कुछ सफाई कर्मियों की ड्यूटी यहां पर लगाई गई है। ब्लाक चित्तौरा से करीब 25 सफाई कर्मी लगाए गए हैं। यहां गंदगी की तस्वीरें ली जा रही थीं। तभी कुछ सफाई कर्मी आसपास की घास व झाड़ियों को साफ करने में जुट गए। मगर झील के किनारे और रास्ते पर पटी गंदगी को हटाने की कोशिश किसी ने नहीं की।

दरगाह मेला में दो साल बाद गुलजार हो रहीं दुकानें

दरगाह मेला परिसर दुकानों के सजने के साथ गुलजार होने लगा है। दो साल महामारी के प्रतिबंधों के कारण मेला नहीं लग सका था। अब मेले की चहल-पहल लौटनी शुरू हुई है। दुकानदारों को भी भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। जायरीन पहले से पहुंचने शुरू हो गए हैं।

दरगाह शरीफ का जेठ मेला एक माह तक चलता है। दो साल से कोरोना महामारी के कारण कहीं भीड़ वाले आयोजन की अनुमति नहीं थी। ऐसे में परंपरा का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम हो रहा था। इस बार प्रतिबंधों में छूट मिलने के साथ मेले का आयोजन किया जा रहा है।

19 मई से मेला शुरू होना है। इसे देखते हुए मेला परिसर में अभी से दुकानें सजने लगी हैं। दक्षिणी गेट से ही मेले की दुकानें लगने लगी हैं। कदम रसूल, पूर्वी गेट, जंजीरी गेट, नाल दरवाजा, अनारकली झील जाने वाले रास्ते समेत अन्य स्थानों पर तरह-तरह की दुकानें लग रही हैं। झूला और सर्कस लगना भी शुरू हो गया है। दरगाह प्रबंध समिति के अध्यक्ष शमशाद अहमद का कहना है कि मेले में लगने वाली दुकानों के दुकानदारों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराए जाने की हिदायत दी गई है। मेला कमेटी की ओर से जगह का आवंटन कर अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।


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