सीबीआइ ले गई आइएएस अनुराग का रूमाल और कुछ अहम दस्तावेज
कर्नाटक कैडर के आइएएस अनुराग तिवारी की लखनऊ में 17 मई को संदिग्ध मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआइ बहराइच पहुंची।
बहराइच (जेएनएन)। कर्नाटक कैडर के आइएएस अनुराग तिवारी की लखनऊ में 17 मई को हुई संदिग्ध मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआइ बहराइच पहुंची। मृतक आइएएस के घर पर परिवारीजन मौजूद नहीं थे फिर भी घर की देखरेख कर रहे बल्ले कश्यप से चाभी लेकर दरवाजा खुलवाया। लखनऊ गेस्ट हाउस में मिले अनुराग के कपड़े के बैग को खंगाला। दोस्तों से साढ़े तीन घंटे तक गहनता से पूछताछ की। सीबीआइ की टीम बैग से मिले कुछ अभिलेख, पर्चे और रूमाल को सीजकर अपने साथ ले गई।
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नगर कोतवाली क्षेत्र के कानूनगोपुरा मुहल्ला निवासी कर्नाटक कैडर के आइएएस अनुराग तिवारी का शव लखनऊ के हजरतगंज इलाके में वीवीआइपी गेस्ट हाउस के बाहर संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ था। परिवार के लोगों ने अनुराग की हत्या की आशंका जताई थी। मामले की जांच एसआइटी को सौंपे जाने के बाद परिवारीजनों ने पुलिस की जांच पर भरोसा न जताते हुए पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। इस पर अनुराग प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई की चार सदस्यीय टीम मृतक आईएएस के पैतृक आवास पहुंची। इस दौरान परिवार का कोई भी सदस्य मौके पर मौजूद नहीं था। अनुराग के माता पिता नोएडा में मौजूद थे, जबकि बड़े भाई राकेश व मंयक भी घर से बाहर थे। सीबीआइ टीम ने परिवार के सदस्यों से संपर्क साधा। इसके बाद मकान की देखरेख करने वाले बल्ले कश्यप से मकान का दरवाजा खोलवाकर जांच-पड़ताल की।
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टीम के सदस्यों ने अनुराग के बचपन के दोस्त आशीष जायसवाल व एनके शुक्ला को पूछताछ के लिए बुलाया। 12 बजे पहुंची सीबीआइ टीम के सदस्य साढ़े तीन घंटे तक अनुराग के दोस्तों से पूछताछ करते रहे। गेस्ट हाउस में मिले अनुराग के बैग को बारीकी से खंगाला। बतौर आशीष की माने तो सीबीआइ ने अनुराग के रहन सहन, हाव भाव, उनकी आदतों व नशा खोरी के शिकार थे या नहीं, आखिरी मुलाकात कब हुई, कौन-कौन से और कितने दोस्त थे, के साथ कई अहम सवाल उनसे पूछे। सीबीआई अनुराग के बैग से मिले कुछ बिल बाउचर व रूमाल को सीज कर अपने साथ ले गई। हर पहलुओं पर गहनता से जांच करने वाली सीबीआई ने गैर मौजूद परिवारीजनो का बयान नोएडा में लेने की बात कही। पूरे जांच के दौरान टीम के सदस्यों ने मीडिया से किनारा बनाये रखा।