आंदोलनकारी 10 लेखपाल बर्खास्त, 20 निलंबित
आंदोलनकारी 10 लेखपालों को बर्खास्त कर दिया गया है। 20 को निलंबित करके 2
जासं, बहराइच : आंदोलनकारी 10 लेखपालों को बर्खास्त कर दिया गया है। 20 को निलंबित करके 288 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है। इन सबसे बेफिक्र लेखपालों का गुरुवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। एस्मा, कार्रवाई व चेतावनी के बाद भी लेखपाल ठंड और पाले में भी धरने पर डटे रहे। मंडलायुक्त महेंद्र कुमार ने हर तहसील से पांच लेखपालों को बर्खास्त कररने के निर्देश पर उनमें और आक्रोश है।
उप्र लेखपाल संघ के आह्वान पर लेखपाल अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनरत हैं। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष जयराज सिंह व जिलामंत्री त्रियुगी नरायन शुक्ल ने बताया कि पूर्व में संवर्ग द्वारा आंदोलन किया गया था, जिसके सापेक्ष प्रदेश सरकार व लेखपाल संघ के बीच मांगों को पूरा किए जाने के लिए पारस्परिक सहमति बनी थी, परंतु आज तक उस सहमति पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है। सरकार की उपेक्षा के चलते लेखपाल आंदोलन करने को बाध्य हैं। आंदोलन के 17वें दिन जिले के सभी लेखपालों द्वारा भीषण ठंड की परवाह किए बगैर धरना स्थल पर डटे रहे। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में आठ हजार लेखपालों के पद रिक्त हैं और उनका कार्य इन्हीं लेखपालों के द्वारा दो व तीन गुना मेहनत करके किया जा रहा है, जिससे सरकार को लगभग 240 करोड़ रुपये की सालाना बचत हो गई है। वित्तीय हस्तपुस्तिका में यह उल्लेख है कि यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी के द्वारा दो पटल का कार्य किया जा रहा हो तो उसे प्रतिस्थानी कर्मचारी के न्यूनतम वेतन का दो तिहाई धनराशि का भुगतान किया जाना चाहिए। आशुतोष मिश्र, रोहित शुक्ला, महेंद्र मिश्रा, अवधेश, सुनील अवस्थी, बशीरुद्दीन, पवन चौहान, कमलेश शुक्ला, अभिनंदन सिंह, अरुण प्रकाश त्रिपाठी ने भी धरने को संबोधित किया। पुष्पेंद्र शुक्ला, मुकेश यादव, शिवपाल बहादुर सिंह, आशीष कुमार, रचना यादव, मधु पांडेय, दीपिका दीक्षित, अर्चना सिंह, धर्मवीर सिंह, जितेंद्र मिश्रा, महेश शुक्ला आदि मौजूद रहे।