आपरेशन के बाद पेट में तौलिया छोड़ने से महिला की मौत
जिला अस्पताल के एक सर्जन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। आरोप है कि सर्जन ने ऑपरेशन के दौरान महिला की पित्त की थैली से पथरी तो निकाल दी लेकिन तौलिया और बैंडेज पेट में ही छोड़ दिया।
बागपत, जेएनएन। जिला अस्पताल के एक सर्जन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। आरोप है कि सर्जन ने ऑपरेशन के दौरान महिला की पित्त की थैली से पथरी तो निकाल दी, लेकिन तौलिया और बैंडेज पेट में ही छोड़ दिया। संक्रमण होने से महिला की दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पीड़ित परिजनों ने दिल्ली पुलिस को तहरीर दी है।
पुराना कस्बा के मोहल्ला मल्लाहान निवासी कौशीद के मुताबिक उसकी पत्नी बेगम निशा के पेट में करीब साढ़े पांच माह पूर्व दर्द हुआ था। अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि पित्त की थैली में पथरी है। जिला अस्पताल के एक सर्जन ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर ऑपरेशन कराने की सलाह दी। सर्जन ने पत्नी का ऑपरेशन किया और तीन दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी। इसके बाद भी उसके पेट का दर्द ठीक नहीं हुआ। इसकी शिकायत डॉक्टर से की तो वह करीब चार माह तक मरहम-पट्टी करता रहा। इस दौरान पेट के टांके खोलकर उपचार भी किया। अस्पताल में दोबारा भर्ती किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। अस्पताल के दूसरे डॉक्टर ने निशा का हायर सेंटर में इलाज कराने की सलाह दी। डॉक्टर के रेफर करने पर गत 17 अक्टूबर को निशा को दिल्ली के हिदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई दिन तक डॉक्टरों ने निशा को अपनी निगरानी में रखा और कई टेस्ट कराए। गत 30 अक्टूबर को निशा का ऑपरेशन किया और उसके पेट से तौलिया व बैंडेज निकाला। संक्रमण के कारण पत्नी की लगातार हालत बिगड़ रही थी। आठ नवंबर को निशा की अस्पताल में मौत हो गई। कौशीद का आरोप है कि उसकी पत्नी की मौत जिला अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही से हुई है। उसने दिल्ली के सब्जी मंडी थाना पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने परिजनों के बयान भी दर्ज किए।
इस आरोप पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीएलएस कुशवाहा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि इस तरह की शिकायत सामने आती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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डॉक्टरों के पैनल ने किया शव का पोस्टमार्टम
परिजनों के मुताबिक बेगम निशा के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल ने कैमरे की निगरानी में किया। पैनल में 11 चिकित्सक शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने शव सुपुर्दे-खाक किया।
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पोल खुलने पर डॉक्टर ने दिया रुपयों का लालच
पीड़ित कौशीद का कहना है कि मामले का पता चलने पर आरोपित डॉक्टर ने दिल्ली के अस्पताल में पहुंचकर रुपयों का लालच दिया, ताकि वह पुलिस से शिकायत न करें।