बागपत में हवा हुई जहरीली, देश का 17 वां सबसे प्रदुषित जनपद Bagpat News
ताजा रेंटिंग में बागपत का प्रदुषण में ग्राफ देश में 17 वां स्थान आया है। इसको लेकर शहर के जिम्मेदार अफसर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 पार पहुंच गया है।
बागपत, जेएनएन। ताजा रेटिंग के अनुसार जनपद बागपत देश का 17 वां सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है। यह आंकड़ा देखकर जिले की जनता की सांस थमी जा रही है, फिर भी जिले के जिम्मेदार अफसर उदासीन हैं। धुएं वाहनों का धड़ले से चलना व गंदगी का आलम बरकरार है। कंडम वाहनों का बेशुमार धुआं, धूल के गुबार, मिट्टी एवं बालू खनन और खेतों में जल रही गन्ना पत्तियों पर अंकुश लगाने में नाकाम अफसरान कतई गंभीर नहीं हैं। यही कारण है मंगलवार को बागपत की हवा और भी अधिक जहरीली हो गई। इससे लोगों की सांस फूलने लगी।
सोचनीय यह आंकड़ा
दरअसल एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 पार करने पर बागपत का देश में प्रदूषण के मामले में 17 नंबर आया है। इस शर्मनाक स्थिति से किसी ने सबक लेना जरूरी नहीं समझा। वहीं वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों को रोकने को सरकारी तंत्र ने कोई पहल नहीं की। सड़कों पर उड़ती धूल रोकने को पानी का छिड़काव नहीं कराने की जहमत नहीं उठाई गई। बेशक बागपत में 500 ईंट भट्ठों की चिमनियों से धुंआ नहीं निकल रहा हो लेकिन काफी स्थानों पर ईंट पथाई को मिट्टी खुदाई और भुरभुरि मिट्टी का परिवहन बेरोटोक जारी रहने से मिट्टी के कण वातावरण में उड़ रहे हैं। पुराने कंडम वाहन बागपत की सड़कों पर दौड़ने से उनसे निकलने वाला धुआं वायु को प्रदूषित करता है, लेकिन अफसरान जानबूझकर अनजान बने हैं।यमुना में बालू खनन और उसका परिवहन भी प्रदूषण बढ़ाने में सहायक है।
फैक्ट्री कम लेकिन प्रदुषण ज्यादा
हालांकि बागपत में फैक्ट्री बहुत कम है, लेकिन जो थोड़ी बहुत हैं वह भी वायु प्रदूषण में बढ़ाने में कसर नहीं छोड़ रही हैं। वही तीन चीनी मिलों की चिमनियों से निकलने वाली महीन राख से भी प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। इमारतों के निर्माण पर रोक है और न निर्माण को डस्ट के परिवहन पर अंकुश है।
मंडरा रहा बीमारियों का खतरा
शहर का प्रदूषण में ग्राफ बढ़ने से शहर में कई गंभीर बिमारियों का खतरा मडराने लगा है। प्रदूषण से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर, पैरालाइसिस और ब्रेन हैमरेज जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। अस्थमा की चपेट में आए लोगों का तो सांस लेना दूभर हो गया है। लेकिन शहर के अफसर उदासीन हैं।