Move to Jagran APP

प्रदूषित पानी से मौत का शतक सरकार खेल रही फाइल-फाइल

बागपत हिडन और कृष्णा नदी कभी लोगों के लिए जीवन दायिनी थी लेकिन प्रदूषित पानी के चलते दोनों नदियां अब जान ले रही हैं। कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियों से नदियों किनारे बसे लोग ग्रसित हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 10:04 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:32 AM (IST)
प्रदूषित पानी से मौत का शतक सरकार खेल रही फाइल-फाइल
प्रदूषित पानी से मौत का शतक सरकार खेल रही फाइल-फाइल

बागपत : हिडन और कृष्णा नदी कभी लोगों के लिए जीवन दायिनी थी, लेकिन प्रदूषित पानी के चलते दोनों नदियां अब जान ले रही हैं। कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियों से नदियों किनारे बसे लोग ग्रसित हैं, लेकिन प्रशासन और शासन आपस में फाइल-फाइल का खेल खेल रहा है। प्रदूषित पानी पीने से बीमार होने वाले लोगों की हाकिमों को कतई परवाह नहीं है। एनजीटी बागपत से लेकर लखनऊ तक आए दिन हुक्मरानों को आदेश देती है कि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए, लेकिन मौके पर पहुंचते ही योजनाएं दम तोड़ देती हैं और लोगों को वही नदियों का प्रदूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है। हिडन और कृष्णा बांट रहीं मौत

loksabha election banner

74 फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायनयुक्त पानी हिडन नदी की निर्मलता ही नहीं, जिदगी भी डस रहा है। हिडन नदी के प्रदूषित पानी में क्रोमियम, कैडमियम, लैड, मरकरी और सल्फेट-नाइट्रेट आदि मानक से चार गुना ज्यादा हैं। यही कारण है कि यहां कैंसर और दूसरी बीमारियों से गांगनौली, दाहा, कंडेरा, मवीकलां आदि गांवों में से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, कृष्णा का पानी इतना प्रदूषित है कि इसका नाम ही काली नदी हो चुका है। कभी चौगामा क्षेत्र की जीवन रेखा रही कृष्णा नदी से भूगर्भ जल इतना प्रदूषित हो गया है कि इब्राहिमपुर माजरा, गांगनौली, रहतना, रंछाड़, बरनावा, अशरफाबाद थल और असारा के लोगों की जिदगी पर संकट छाया है। भूजल स्तर ऊंचा उठाने को कृष्णा नदी पर करोड़ों की लागत से बने चेकडैम और बड़ी समस्या बन गए हैं। चेकडैम की वजह से पानी थमा है जो सड़ता रहता है।

------

शासन-प्रशासन धरातल

पर लाए योजनाएं

झुंडपुर के प्रधान संजय, गांगनौली के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र राठी, संजीव, मौजिजाबाद नांगल के सत्यम शर्मा आदि लोगों ने बताया कि हिडन और कृष्णा नदियों का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि नदियों किनारे बस गांवों का पानी भी बेहद प्रदूषित निकल रहा है और उसे पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। एनजीटी को सख्त है, लेकिन सरकार की योजनाएं फाइलों में दौड़ रही है धरातल पर तो प्रदूषित पानी ही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.