पानी घटने के बाद भी यमुना खतरे के निशान से ज्यादा
हथिनी कुंड बैराज से यमुना में छोड़ा गया ज्यादातर पानी बागपत को पास कर दिल्ली पहुंच गया है।
बागपत, जेएनएन। हथिनी कुंड बैराज से यमुना में छोड़ा गया ज्यादातर पानी बागपत को पास कर दिल्ली पहुंच गया है। बागपत में यमुना का उफान कम हुआ है, लेकिन बुधवार की देर तक भी पानी खतरे के निशान से ज्यादा बह रहा। देर रात नौ बजे यमुन का जल स्तर 210 मीटर दर्ज था। खतरे का निशान 209 मीटर है। बुधवार को फिर हथिनी कुंड से 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी शुक्रवार तक बागपत पहुंचेगा।
वहीं जैसे यमुना का पानी उतर रहा, वैसे ही वैसे छपरौली, टांडा, कुर्डी, शबगा, जागोस, काकोर, खेड़ा इस्लामपुर, निनाना, फैजुल्लापुर, नैथला, निवाड़ा, सिसाना, बागपत, पाली, मवीकला, सांकरौद, काठा, सुभानपुर, अब्दुलपुर गांवों में यमुना खादर में किसानों के खेतों में कटान की सूचना है। कटान के कारण अनेक किसानों के खेत तब तक खेती करने लायक नहीं रहेंगे जब तक उन्हें समतल नहीं कराया जाएगा।
फसलों के बहने से किसानों को पहले ही करोड़ों का नुकसान हो गया। उधर, बागपत नगर समेत कहीं भी यमुना तटवर्ती गांवों में हाई अलर्ट नजर नहीं आया है।
पानी का स्तर कम होते ही बागपत नगर समेत अनेक स्थानों पर युवाओं व बच्चों को यमुना में डूबगी लगाकर मस्ती करते देखे गए। इन्हें यमुना में घुसने से रोकने को न तो कोई पुलिस कर्मी दिखा और न राजस्व कर्मी। ऐसे में कोई हादसा होने का डर बना है, क्योंकि अभी यमुना में चार लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी मौजूद है।
वैसे भी यमुना में व्यापक स्तर होते रहे अवैध खनन के कारण यमुना में गहरे कुंड बने हैं जिनमें डूबने का खतरा रहता है। वहीं यमुना का जल स्तर कम होने से तटवर्ती गांवों के बाशिदों ने राहत की सांस ली है। सिचाई विभाग के एक्सईएन संजीव चौधरी ने कहा कि यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, लेकिन अब चिता की बात नहीं है। गुरुवार की सुबह तक पानी और घट जाएगा।