सूबे की टॉपर को बेघर होने का डर
माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ की उत्तर मध्यमा द्वितीय (समकक्ष 12वीं) की परीक्षा में सूबे की टॉपर निशा अग्रवाल को अब बेघर होने का डर सता रहा है। बागपत में डीएम और सीडीओ से सम्मान पाने के बाद निशा ने अपनी गरीबी की दास्तान और मकान खाली करने की धमकी मिलने की पीड़ा बयां की। बोलीं कि मकान से हाथ धोना पड़ा तो हम मां-बेटी सड़क पर आ जाएंगी।
जासं, बागपत: माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ की उत्तर मध्यमा द्वितीय (समकक्ष 12वीं) की परीक्षा में सूबे की टॉपर रहीं निशा अग्रवाल को अब बेघर होने का डर सता रहा है। बागपत में डीएम और सीडीओ से सम्मान पाने के बाद निशा ने अपनी गरीबी की दास्तान और मकान खाली करने की धमकी मिलने की पीड़ा बयां की।
पीलीभीत निवासी निशा अग्रवाल ने श्री दादू बलराम संस्कृत विद्यालय, ग्वालीखेड़ा से उत्तर मध्यमा परीक्षा देकर 93.16 फीसद अंकों के साथ पूरे प्रदेश में टाप किया था। मंगलवार को प्रशासन की ओर से राजकीय कन्या इंटर कालेज में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंची निशा ने बताया कि बहनों में वह सबसे छोटी है। पांच बहनों की शादी हो चुकी। एक भाई हैं, जो अलग रहते हैं। पीलीभीत में वह और उनकी 65 वर्षीय मां शांति अग्रवाल साहूकारा मोहल्ले में पैतृक मकान में रहते हैं। एक व्यक्ति ने मकान पर साजिशन मुकदमा कर रखा है। मकान खाली करने की धमकी भी मिल रही है। यदि मकान छोड़ना पड़ा तो हम सड़क पर आ जाएंगे। बोलीं, सरकार मकान का विवाद खत्म करा दे या हमें कोई दूसरा मकान दे दिया जाए। उनके दादा कभी साहूकार थे।
कोई नहीं कमाने वाला
निशा के पिता बैजनाथ अग्रवाल के निधन के बाद परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। वह पढ़ाई के साथ-साथ नेचुरीपैथी से चिकित्सा करती है और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर दो पैसे कमा लेती हैं। पढ़ाई के दौरान भी चिकित्सा कार्य जारी रखेंगी, ताकि डिग्री कालेज में शिक्षक बनने का सपना पूरा हो सके। कहती हैं, शिक्षा ही वह जरिया है जिससे आगे बढ़ा जा सकता है। बागपत के इसी कालेज से वह शास्त्री की पढ़ाई करेंगी।