मतगणना केंद्रों पर उड़ी गाइडलाइन की धज्जियां
कहर बरपा रहे कोरोनो को लेकर सरकारी तंत्र और आम जन कतई गंभीर नही।
बागपत, जेएनएन। कहर बरपा रहे कोरोनो को लेकर सरकारी तंत्र और आम जन कतई गंभीर नही। इसकी बानगी देखने को मिली मतगणना केंद्रों पर जहां चप्पे-चप्पे पर कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती रहीं। बिना जांच के उम्मीदवार और एजेंट बेखौफ मतगणना केंद्र में आते और जाते रहे।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कालेज बागपत के बाहर सुबह छह बजे ही उम्मीदवारों और एजेंटों की गजब भीड़ उमड़ पडी। सुबह आठ बजे उम्मीदवारों और एजेंटों को अंदर प्रवेश दिया तो गेट पर धक्का-मुक्की होने लगी। शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ने लगी। आधे से ज्यादा एजेंटों और उम्मीदवारों की थर्मल स्क्रीनिग व प्लस आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल का पता लगाने, हाथ सैनिटाइज तक कराने का काम नहीं हुआ।
मतगणना टेबल के सामने एजेंट और उम्मीदवार बिल्कुल ऐसे सटकर खड़े थे कि संक्रमण का खतरा बहुत काफी ज्यादा बढ़ गया है। मतगणना टेबल पर मतपत्रों को गिन रहे कर्मियों को भी कुछ ऐसा ही हाल था। एक-एक टेबल के चारों तरफ 20 से 50 लोग मौजूद रहे। यह सबकुछ उन अफसरान की मौजूदगी में होता रहा जिनके कंधों पर खुद के साथ जनता को भी संक्रमण से बचाने का जिम्मा है। ऐसे में मतगणना के बाद गांवों में कोरोना बम फट सकता है। मतगणना केंद्र की दीवार पर चढ़कर जीत-हार की जानकारी लेते 15 दबोचे
कालिदी कालेज मतगणना स्थल के बाहर पुलिस को भीड़ ने दिन भर छकाए रखा। मतगणना स्थल की व्यवस्था भंग करने का प्रयास कर रहे 15 युवकों को पुलिस हिरासत में लेकर कोतवाली भी ले गई।
रविवार सुबह से भीड़ से जूझ रही पुलिस को शाम को फिर से लाठियां भांजने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल, शाम पांच बजे के आसपास मतगणना केंद्र की चार दीवारी पर चढ़कर कुछ युवक अंदर मौजूद एजेंटों से प्रत्याशियों को मिली वोट की जानकारी ले रहे थे। इस दौरान अंदर मौजूद एजेंट और प्रत्याशियों को बीड़ी, सिगरेट, गुटखे व खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा रहे थे। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ना चाहा तो उन्होंने युवकों की पुलिस के साथ कहासुनी हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठी फटकारते हुए इन युवकों को दौड़ा दिया। पुलिस ने मौके से 15 युवकों को हिरासत में भी लिया। पुलिस की कार्रवाई के बाद मतगणना केंद्र के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया और लोग मतगणना केंद्र से दूरी बनाते नजर आए।