इस मां ने कोरोना काल में फर्ज को दी अहमियत
मां की ममता पर भी कोरोना का साया रहा है।
बागपत, जेएनएन। मां की ममता पर भी कोरोना का साया रहा है। हर मां ने अपने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन बागपत सीएचसी की एएनएम हेमा गुप्ता ने कोरोना काल में मां की ममता के साथ अपने फर्ज को भी बखूबी निभाया। वह मां की मौत के बाद उनका अंतिम दर्शन भी नहीं करने गईं। उन्होंने लोगों की सेवा को ही अहमियत दी।
कोरोना की वजह से लोगों ने एक दूसरे दूरी बना ली है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा ऐसा है जो लोगों से दूरी न बनाते हुए सेवाभाव से कार्य कर रहा है। ऐसे माहौल में दर्जनों माताएं भी अपना फर्ज निभा रही हैं। इनमें से एक बागपत सीएचसी की एएनएम हेमा गुप्ता को सिसाना गांव की जिम्मेदारी मिली है। वह दो बेटी और एक बेटे की मां हैं। कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी, उन्होंने मां का फर्ज भी निभाया और ड्यूटी भी की है। जब घर होती हैं तब बच्चों पर ममता लुटाती हैं और जब ड्यूटी पर होतीं, तो लोगों की सेवा को प्राथमिकता देती हैं। कोरोना से बचाव करने के लिए वह पूरी सावधानी बरतती हैं। घर आने पर बच्चे पहले उन्हें सैनिटाइज करते हैं, तभी घर में वह प्रवेश करती हैं।
हेमा गुप्ता ने बताया कि ड्यूटी के चलते अपनी दिवंगत हुई मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाईं।
बागपत सीएचसी के प्रभारी अधीक्षक डा. कुमार अभिषेक ने भी हेमा गुप्ता की सेवा भावना को सराहा। साथ ही अन्य एनएनएम की भी प्रशंसा की।
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पहली लहर में मां-बेटा हो गए थे संक्रमित
हेमा बताती है कि पहली लहर में 24 सितंबर को कोरोना से संक्रमित हो गई थीं। उनके साथ-साथ बेटे को भी कोरोना ह गया था। होम आइसोलेशन में रहते हुए हम कोरोना को मात दी। दो बेटियों को कोरोना से बचाकर रखा। दूसरी लहर में उनके पति संक्रमित हो गए हैं। पूरा परिवार सावधानियां बरते हुए है। पति की कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ध्यान रख रही हैं।
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बच्चों की सेहत और पढ़ाई का रखा ध्यान
कोरोना काल में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं किया। प्रोटीन, विटामिन, आरयन, जिक वाला खाना देते रहे, जो अभी तक जारी है,। ताकि इम्यूनिटी कम न हो। हर रोज उनकी पढ़ाई का भी फीडबैक लेती हैं।