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हद है, खंडहर हो गया स्कूल, एक दशक बाद भी हैंडओवर न पढ़ाई

मलकपुर रोड पर स्थित कांशीराम कालोनी में बंद पड़े प्राइमरी स्कूल के सामने ही एक जूनियर हाइस्कूल ऐसा भी है जिसका निर्माण लगभग एक दशक पहले लाखों रुपये की लागत से किया गया था। निर्माण के बाद से अभी तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हुई है भवन खंडहर हो गया है। वजह रही कि निर्माण करने वाली संस्था ने इस भवन को अभी तक शिक्षा विभाग को हैंडओवर ही नहीं किया है। भवन का हाल यह है कि कमरों में लगे दरवाजे खिड़की और विद्युत उपकरण चोर उखाड़कर ले गए हैं। आज यह स्कूल जुआरियों और शराबियों का अड्डा बना हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल को भूल चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 11:20 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 11:20 PM (IST)
हद है, खंडहर हो गया स्कूल, एक दशक बाद भी हैंडओवर न पढ़ाई
हद है, खंडहर हो गया स्कूल, एक दशक बाद भी हैंडओवर न पढ़ाई

बागपत, जेएनएन। मलकपुर रोड पर स्थित कांशीराम कालोनी में बंद पड़े प्राइमरी स्कूल के सामने ही एक जूनियर हाइस्कूल ऐसा भी है, जिसका निर्माण लगभग एक दशक पहले लाखों रुपये की लागत से किया गया था। निर्माण के बाद से अभी तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हुई है, भवन खंडहर हो गया है। वजह रही कि निर्माण करने वाली संस्था ने इस भवन को अभी तक शिक्षा विभाग को हैंडओवर ही नहीं किया है। भवन का हाल यह है कि कमरों में लगे दरवाजे, खिड़की और विद्युत उपकरण चोर उखाड़कर ले गए हैं। आज यह स्कूल जुआरियों और शराबियों का अड्डा बना हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल को भूल चुके हैं।

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कालोनी में रहने वाले सुनील ने बताया कि कालोनी में जब स्कूल का निर्माण हुआ तब उन्हें भी लगा था कि स्कूल में कालोनी के बच्चे पढ़ लेंगे, लेकिन बच्चों का सपना अधूरा ही रह गया। चूंकि दस साल पहले बना स्कूल कभी खुला ही नहीं है। महेश ने बताया कि कालोनी से शहर की दूरी कई किमी पड़ती है। कालोनी से आने जाने का कोई साधन नहीं है इसलिए बच्चे शहर में पढ़ने के लिए नहीं जा सकते हैं। अधिकारियों को स्कूल के खुलवाने पर ध्यान देना चाहिए। हरबीरी ने बताया कि हद तो इस बात की है कि दस साल से स्कूल को देखने के लिए एक भी अधिकारी कालोनी में नहीं आया है। बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बताया कि स्कूल को देखने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर ऐसी कौन सी वजह रही है कि स्कूल में न तो पढ़ाई हुई और न ही वह हैंडओवर हुआ।


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