मतदान से बहेगी लोकतंत्र की बयार
हम लोकतंत्र की दुहाई खूब देते हैं लेकिन मतदान करते नहीं। इसका सबूत है बागपत में गत दो चुनाव में कम मतदान। 30 से 42 प्रतिशत मतदाता ऐसा हैं जो लोकतंत्र को लेकर बातें तो खूब बनाते हैं लेकिन जब चुनाव का नंबर आता है तो वोट देने को घर से निकलते नहीं। जरा सोचिए! हम वोट नहीं देंगे तो कैसे बहेगी लोकतंत्र की बयार..।
जागरण संवाददाता, बागपत। हम लोकतंत्र की दुहाई खूब देते हैं, लेकिन मतदान करते नहीं। इसका सबूत है बागपत में गत दो चुनाव में कम मतदान। 30 से 42 प्रतिशत मतदाता ऐसा हैं, जो लोकतंत्र को लेकर बातें तो खूब बनाते हैं, लेकिन जब चुनाव का नंबर आता है तो वोट देने को घर से निकलते नहीं। जरा सोचिए! हम
वोट नहीं देंगे तो कैसे बहेगी लोकतंत्र की बयार..।
चुनाव चाहे कोई हो, लेकिन हर वोट बेहद कीमती है। एक वोट किसी भी उम्मीदवार को फर्श से अर्श पर पहुंचा सकती है। इसके बावजूद हम अपनी वोट की ताकत नहीं समझ रहे हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बागपत की तीनों सीटों पर 7.94 लाख मतदाताओं में 3.37 लाख ने मतदान ही नहीं किया। यानी 42.14 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर 907390 मतदाताओं में 323447 ने मतदान नहीं किया था। यानी 35.66 प्रतिशत मतदान करने से दूर रहे। हालांकि, वर्ष 2012 के मुकाबले वर्ष 2017 में मतदान
प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन अभी मतदान प्रतिशत को और बढ़ाने की जरूरत है। हर कोई मतदान करेगा तो तब सही जनप्रतिनिधि चुनेंगे जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
-------30 बूथों पर था कम मतदान
-वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तीनों सीट पर 30 बूथों पर 45 प्रतिशत तक मतदान था। सबसे कम कोताना के जूनियर हाईस्कूल के बूथ पर मात्र 38.97 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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गांवों में ज्यादा मतदान
-बागपत में शहरों और कस्बों के मुकाबले गांवों में करीब पांच प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ था। शहरों में
कुछ लोग मतदान करने निकलते नहीं जिससे मतदान प्रतिशत में गिरता है।
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मतदान में आधी आबादी पीछे
-वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पुरुषों का मतदान 65.16 प्रतिशत तथा महिलाओं का 63.72 प्रतिशत
मतदान प्रतिशत रहा। किन्नर मतदताओं में महज 1.52 प्रतिशत ने मतदान किया था।
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मतदान नहीं करने के लिए मिलते हैं पैसे
-चुनावों में दिलचस्पी लेने वालों की मानें तो कई उम्मीदवार पिछले चुनावों में अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों
के पक्के माने जाने वाले वोटरों को मतदान नहीं करने के लिए पैसा बांटते रहे हैं। प्रतिद्वंदी उम्मीदवार के पक्ष में कम मतदान से उनकी जीत पक्की हो जाए। मतदाता का जागरूक न होना, रोजगार के लिए अपने गांव-कस्बों से बाहर रहना कम मतदान की अहम वजह है।
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70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य
-बागपत में 9.47 लाख मतदाता हैं। प्रशासन ने अब 70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य है। विद्यार्थी, शिक्षकों, आम जन को वचऱ्ुअल प्लेट फार्म के जिए जागरूक किया जाएगा। महिलाओं को जागरूक करने को महिला अधिकारियों, कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाएगी।
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विस 2012 में मतदान
क्षेत्र प्रतिशत
छपरौली 52.07
बड़ौत 58.29
बागपत 62.60
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विस 2017 में मतदान
क्षेत्र प्रतिशत
छपरौली 62.95
बड़ौत 64.29
बागपत 65.91
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विस-2022 में मतदाता
क्षेत्र मतदाता
छपरौली 333078
बड़ौत 300815
बागपत 313363
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100 साल पार के मतदाता
क्षेत्र मतदाता
छपरौली 144
बड़ौत 070
बागपत 078