मौसम की आंख-मिचौनी जारी, थोड़े समय के लिए चमके सूर्यदेव
मौसम की आंख-मिचौनी का खेल जारी है। मंगलवार को थोड़े समय के लिए सूर्यदेव ने दर्शन दिए जिसके बाद फिर बादलों की चादर आसमान पर खिच गई। ठिठुरन बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हुआ और लोग गर्मी पाने की जुगत बैठाते रहे।
बागपत, जेएनएन। मौसम की आंख-मिचौनी का खेल जारी है। मंगलवार को थोड़े समय के लिए सूर्यदेव ने दर्शन दिए, जिसके बाद फिर बादलों की चादर आसमान पर खिच गई। ठिठुरन बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हुआ और लोग गर्मी पाने की जुगत बैठाते रहे।
एक पखवाड़े से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। बारिश के साथ सर्द हवाएं लगातार ठंड में इजाफा कर रही हैं। मंगलवार सुबह भी हल्की बूंदाबादी हुई, जिसके बाद दोपहर में थोड़े समय के लिए बादलों के बीच से भगवान भास्कर भी निकले। इससे मौसम में थोड़ी गरमाहट आई मगर जल्द ही बादल फिर से सघन हो गए। ठंड से बचाव के लिए क्षेत्र में जगह-जगह अलाव जलाए गए। दुकानदारों ने अपनी दुकानों के सामने अलाव जलाकर ठंड से बचाव किया। वहीं बस स्टैंड पर प्रशासन द्वारा सार्वजनिक रूप से अलाव न जलवाने के कारण राहगीर परेशान रहे। कड़कड़ाती ठंड में यात्री कांपते रहे। सरसों के बाद गेहूं की फसल भी लोटपोट, किसान परेशान
दाहा : बारिश के बाद चल रही हवा से क्षेत्र में सरसों के बाद गेंहू की फसल भी लोटपोट होने लगी है। फसल गिरने से किसानों के चेहरों पर मायूसी छाने लगी है।
जनवरी माह में हो रही बार बार बूंदाबांदी से किसानों की फसलों को लाभ पहुंच रहा है, लेकिन बारिश के साथ चली हवा से किसानों के खेतों में खड़ी फसलें लोटपोट होने लगी है। पहले सरसों की फसल गिरने से नुकसान पहुंचा। इसके बाद अब गेंहू की फसल भी जगह जगह लोटपोट होने लगी है। फसल गिरने से किसानों को फसल पैदावार में गिरावट होने का डर सताने लगा है। किसानों रामपाल सिंह, सतवीर, मुकेश, सुनील आदि ने बताया की बारिश किसानों की गेंहू, जौ, गन्ना आदि की फसलों को वैसे तो लाभ पहुंचा रहा है। जमीन गीली होने के कारण हवा चलते ही फसल गिरने लगी है। सरसों के बाद अब गेंहू की फसल भी जगह जगह लोटपोट हो रही है।