शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर खपराना पहुंचा, गांव में शोक
लद्दाख के द्रास सेक्टर में तैनात खपराना गांव के सैनिक का शनिवार को उपचार के दौरान चंडीगढ़ के अस्पताल में मृत्यु हो गई।
बागपत, जेएनएन। लद्दाख के द्रास सेक्टर में तैनात खपराना गांव के सैनिक का शनिवार को उपचार के दौरान चंडीगढ़ के अस्पताल में निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को रविवार की शाम गांव में लाया गया, जहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। सैनिक आठ जनवरी को ड्यूटी के दौरान अपने साथी के साथ हिमखंड में दब गए थे। दोनों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था।
खपराना गांव के रहने वाले 26 साल के अनुज कुमार पुंडीर पुत्र अशोक पुंडीर वर्ष 2015 में सेना में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। वह लद्दाख के कारगिल जनपद के द्रास सेक्टर में देश की सीमा पर तैनात थे। स्वजन ने बताया कि पोस्ट पर साथियों के साथ डयूटी करते समय अनुज समेत दो सैनिक हिमखंड में दब गए। उनके साथियों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बर्फ से निकालकर कारगिल के अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद अनुज को 10 दिन पहले चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार की देर रात अनुज का निधन हो गया। उधर, रविवार को 11 ग्रेनेडियर्स यूनिट के सूबेदार मग सिंह, हवलदार रजनीश आदि उनके पार्थिव शरीर को लेकर जैसे ही खपराना गांव स्थित उनके घर पहुंचे तो स्वजन में कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पार्थिक शरीर को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां मेरठ से आए 6 राजपूत रायफल के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया। अनुज के छोटे भाई मनीष ने अनुज के बेटे किट्टू को गोद में लेकर पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान सूबेदार उमंग सिंह, सूबेदार मेजर राजकुमार नरेश, महेश, मुकेश सांगवान, महकार सिंह सिरोही, लल्लन सिंह, तहसीलदार हर्ष चावला, ब्लाक प्रमुख कुलदीप तोमर, इंस्पेक्टर जनक सिंह भी मौजूद रहे। सूबेदार मग सिंह ने बताया कि ड्यूटी के दौरान हादसा हुआ था इसलिए सैनिक अनुज को शहीद का दर्जा दिया है।
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पिता की एक साल पहले हो गई थी मौत
चार साल पहले अनुज की शादी प्रियंका चौहान के साथ हुई थी। उनका ढाई साल का एक बेटा किट्टू है। परिवार में छोटा भाई मनीष, बहन दीपा व मां अनिता है। एक साल पहले कैंसर की बीमारी के कारण अनुज के पिता अशोक की मौत हो गई थी।
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वीडियो काल कर की थी बात
अनुज के छोटे भाई मनीष ने बताया कि 10 जनवरी को अनुज ने मोबाइल पर वीडियो काल कर उससे बातचीत करते हुए बताया था कि वह ड्यूटी के दौरान फिसल कर हिमखंड में दब गए थे, जिसके बाद उसे उनके साथियों ने बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था।
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