कोविड अस्पताल में बदल गया मरीज का शव
कोविड अस्पताल में गाव झुंडपुर और पाली के कोरोना संक्रमित दो मरीजों की मौत के बाद मेडिकल स्टाफ की लापरवाही से झूंडपुर के मरीज का शव पाली गांव के मरीज के स्वजन को सौंप दिया गया। जब झूंडपुर के स्वजन अस्पताल पहुंचे तब लापरवाही का राजफाश हुआ।
जेएनएन, बागपत : कोविड अस्पताल में गाव झुंडपुर और पाली के कोरोना संक्रमित दो मरीजों की मौत के बाद मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते झुंडपुर के मरीज का शव पाली गाव वाले मरीज के स्वजन को सौंप दिया गया। जब झुंडपुर गाव के मरीज के स्वजन अस्पताल पहुंचे तब मामले का राजफाश हुआ। इधर, तब तक पाली गाव में स्वजन अपने मरीज के शव का अंतिम संस्कार भी कर चुके थे। इसे लेकर कई घटे तक हंगामा होता रहा। हालाकि बाद में दोनों मरीजों के स्वजन ने समझौता कर लिया कि स्वजन झुंडपुर के मरीज की अस्थियों को ले जाएंगे। बाद में पाली गाव के मरीज का भी अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सोमवार रात को कोविड अस्पताल में भर्ती बिनौली के झुंडपुर गाव निवासी सुरेंद्र शर्मा और बागपत के पाली गाव निवासी खुशीराम की कोरोना के कारण मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह खुशीराम के स्वजन अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें खुशीराम की जगह सुरेंद्र का पैक शव सौंप दिया। स्वजन भी बिना पहचान किए शव को गाव ले गए। इसके बाद सुबह 10 बजे सुरेंद्र के स्वजन भी शव लेने पहुंचे। जब शव सौंपा जा रहा था तब भतीजे पार्थ ने ध्यान दिया कि यह शव तो उनके मरीज सुरेंद्र का नहीं था। तत्काल मामले की जानकारी मौजूद स्टाफ को दी गई। इसके बाद वहा अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में अस्पताल कर्मी पाली गाव पहुंचे लेकिन तब तक स्वजन शव का अंतिम संस्कार कर चुके थे। इसके बाद पार्थ ने डीएम राजकमल यादव से मामले की शिकायत की। डीएम के आदेश पर एसीएमओ डा. यशवीर सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों परिवारों से लंबी वार्ता की लेकिन निष्कर्ष नहीं निकल सका। इसपर सुरेंद्र के स्वजन ने पाली के खुशीराम के फोटो का मिलान शव से कराया तब स्टाफ की लापरवाही सामने आ गई। अंतत: अधिकारियों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह तय हुआ कि खुशीराम के शव का अंतिम संस्कार भी पाली गाव के लोग करेंगे, जबकि सुरेंद्र की अस्थिया उसके स्वजन ले जाकर विसíजत करेंगे। इस तरह पाली गाव में दो लोगों का अंतिम संस्कार हुआ।
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इन्होंने कहा..
अस्पताल से स्वजन को शव दिखाने के बाद ही उन्हें सिपुर्द किया जाता है। इस मामले में भी स्वजन की पुष्टि करने के बाद शव उन्हें सौंपा गया था। हालाकि मामले की विभागीय जाच कराई जाएगी।
- डा. यशवीर, एसीएमओ।
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शव बदले जाने की जानकारी मिली थी। हालाकि बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
- शिव प्रकाश सिंह, इंस्पेक्टर खेकड़ा
कर्मचारी की लापरवाही, स्वजन को अंतिम दर्शन नहीं
खेकड़ा : स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी की लापरवाही के कारण सुरेंद्र के स्वजन उनके अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके। अब अस्थियां विसर्जित कर वे मन को समझा लेंगे।
कोविड अस्पताल में शव बदले जाने पर सुरेंद्र के स्वजन के साथ बाहर के लोग भी स्टाफ को कोस रहा था।
खेकड़ा कोविड अस्पताल कर्मचारी की लापरवाही से सुरेंद्र के स्वजन आखिरी दर्शन भी नहीं पाए। अगर कर्मचारी अपने कार्य को ध्यान से अंजाम देता, तो शायद शव नहीं बदला जाता और अंतिम संस्कार झुंडपुर के बजाए पाली में नहीं होता। शव बदले जाने के बाद स्वजन को अस्थियां विसर्जन को भी घंटों जद्दोजहद करनी पड़ी। तब जाकर पाली के लोगों ने अस्पताल में रखे शव को अपना मानकर अंतिम संस्कार किया। घंटा भर वार्ता के बाद सुरेंद्र की अस्थियां विसर्जन के लिए हक स्वजन को मिल पाईं।