तिरंगे के साथ गाव में पहुंचा शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर
सैनिक अनुज के निधन के बाद गाव में शोक की लहर है। अनुज का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में उनके घर पहुंचा वहां तिरंगा लिये युवाओं की भीड़ लग गई। सबने उन्हें नमन किया।
बागपत, जेएनएन। सैनिक अनुज के निधन के बाद गाव में शोक की लहर है। अनुज का पार्थिव शरीर जैसे ही बरनावा गाव में पहुंचा तो खपराना के युवक वहा पहले से ही तिरंगा झडा लिए ट्रैक्टर ट्रालियों में पहुंच गए थे। बरनावा गाव से सैनिक वाहन में अनुज के पार्थिव शरीर को खपराना लाया गया। वाहन के साथ युवक तिरंगे झडे लेकर चल रहे थे। पार्थिव शरीर जैसे ही गाव में पहुंचा तो शोक की लहर दौड़ गई। काफी लोग पहले से ही उनके घर मौजूद थे। लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। जानकारी होने के बाद चंदायन, शाहपुर बाणगंगा, मुलसम गाव के काफी लोग भी खपराना पहुंचे। उनकी शवयात्रा में काफी लोग शामिल हुए।
अनुज की माता अनीता और पत्नी प्रियंका का रो-रोकर बुरा हाल रहा। अनीता अपने बेटे तो प्रियंका अपने पति की हालत में सुधार होने की भगवान से प्रार्थना कर रही थी, लेकिन जब दोनों ने दुखद समाचार सुना तो उनका बुरा हाल हो गया। मोहल्ले की महिलाएं स्वजन को सात्वना दे रही थीं।
पिता की एक साल पहले
हो गई थी मौत
चार साल पहले अनुज की शादी प्रियंका चौहान के साथ हुई थी। उनका ढाई साल का एक बेटा किट्टू है। परिवार में छोटा भाई मनीष, बहन दीपा व मां अनिता है। एक साल पहले कैंसर की बीमारी के कारण अनुज के पिता अशोक की मौत हो गई थी।
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वीडियो काल कर की थी बात
अनुज के छोटे भाई मनीष ने बताया कि 10 जनवरी को अनुज ने मोबाइल पर वीडियो काल कर उससे बातचीत करते हुए बताया था कि वह ड्यूटी के दौरान फिसल कर हिमखंड में दब गए थे, जिसके बाद उसे उनके साथियों ने बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था।
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इस दौरान सूबेदार उमंग सिंह, सूबेदार मेजर राजकुमार नरेश, महेश, मुकेश सांगवान, महकार सिंह सिरोही, लल्लन सिंह, तहसीलदार हर्ष चावला, ब्लाक प्रमुख कुलदीप तोमर, इंस्पेक्टर जनक सिंह भी मौजूद रहे। सूबेदार मग सिंह ने बताया कि ड्यूटी के दौरान हादसा हुआ था इसलिए सैनिक अनुज को शहीद का दर्जा दिया है।