स्कूल बना कांजी हाउस..बच्चों की पढ़ाई बंद
जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत): ज्ञान के मंदिरों में बेसहारा पशुओं को कैद करने का सिलसि
जागरण संवाददाता, बड़ौत (बागपत): ज्ञान के मंदिरों में बेसहारा पशुओं को कैद करने का सिलसिला रुक नहीं रहा। सरकार के लगातार निर्देश और किसानों की चेतावनी के बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। बुधवार को फिर किसानों ने बेसहारा पशुओं को अस्पताल और स्कूलों में कैद कर दिया। इससे पशुओं के सामने चारा-पानी का संकट खड़ा हो गया है। उधर, बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि किसी पशु की मौत हुई, तो जिम्मेदार प्रशासन होगा।
लोयन गांव में दो दिन पहले गांव के कुछ लोगों ने खेतों से घेरकर बेसहारा पशुओं को इकट्ठा कर लिया और प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में बंद कर दिया। विद्यालय के गेट पर ताला लगा दिया। स्कूल के पास खेल रहे कई युवकों ने बताया कि बेसहारा पशु भूखे-प्यासे हैं। प्रधानाध्यापक शैली चौधरी ने विद्यालय में 105 बच्चे हैं। स्कूल बंद होने के कारण प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में बच्चों को पढ़ाया रहा है। उधर, निरपुड़ा गांव में लोगों ने बुधवार सुबह बेसहारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालय नंबर एक व दो में बंद कर दिया और स्कूल पर ताला लगा दिया। बच्चे और अध्यापक विद्यालय स्कूल पहुंचे तो स्कूल पर ताला लटका देखा। अध्यापकों ने बच्चों को वापस भेज दिया और जानकारी बीएसए और पुलिस को भी। एसओ अजय शर्मा व नायब तहसीलदार नसीम अहमद टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों से पशुओं को स्कूल से बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन लोगों की ओर से दो टूक जवाब मिला कि प्रशासन जब तक पशुओं का प्रबंध नहीं करता है तब तक पशु स्कूलों में ही बंद रहेंगे। लोग स्कूल के बाहर धरना देकर बैठ गए। लोगों ने बताया कि पशुओं के चारा-पानी की व्यवस्था कर दी गई है। यह चेतावनी दी कि यदि किसी पशु को कुछ हो गया तो जिम्मेदार प्रशासन होगा। इस मौके पर बिजेंद्र राणा, नाहर ¨सह दरोगा, निश्चय राणा, सोमपाल, नरेंद्र, भूरा, हरपाल, सहेंद्र, चांद, योगेश, जवाहर, ¨मटू, सोनू, बाबा भोल्लर, तेजपाल, हरेंद्र, नीटू, सतबीर, बलजीत, हरवीर आदि मौजूद रहे। प्रधानाध्यापक संजीव कुमार व उत्तम सोलंकी ने बताया कि स्कूलों में पशु भरे हैं, जिसके चलते बच्चों को घर भेज दिया। उधर, लोगों ने मंगलवार को छपरौली कस्बे में राजकीय पशु चिकित्सालय में बेसहारा पशुओं को बंद कर दिया था। पशुओं के लिए पुआल, भूसा व गाजर आदि की व्यवस्था चारे के रूप में की थी और चिकित्सालय के गेट पर ताला लगा दिया। यह चेतावनी भी दी कि समस्या का समाधान होने तक पशु चिकित्सालय में बंद रहेंगे। लोग धरने के रूप में शाम तक चिकित्सालय के गेट पर बैठे रहे, लेकिन बुधवार दोपहर सभी लोग चिकित्सालय में पशुओं को उनके हाल पर छोड़कर चले गए। चिकित्सालय प्रभारी डॉ. राहुल कुमार ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को इस बाबत बता दिया है।