संत रविदास के जीवन पर कविताएं सुना किया मंत्रमुग्ध
संत रविदास की जयंती पर भंडारे ओर शोभाएं यात्राएं निकाली गई। कोर्ट रोड पर एयरटेल के कार्यालय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों में सर्वसमाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चित्र और प्रतिमाओं पर पुष्पार्पित किया गया। उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाया गया। बड़ौत रोड स्थित संत रविदास मंदिर में जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। यहां सर्वसमाज के लोगों ने मंदिर में पहुंचकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
बागपत, जेएनएन। संत रविदास की जयंती पर भंडारे हुए और शोभायात्राएं निकाली गईं। कोर्ट रोड पर एयरटेल के कार्यालय पर काव्य गोष्ठी हुई। कार्यक्रमों में सर्वसमाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाया गया।
बड़ौत रोड स्थित संत रविदास मंदिर में जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। यहां सर्वसमाज के लोगों ने मंदिर में प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां के आयोजन में अशोक कश्यप, ओमपाल कश्यप, नरेश सभासद, मोनू सभासद, सीतार सिंह मैनेजर, मुकेश, इंद्र, मिट्ठन लाल का सहयोग रहा।
कोर्ट रोड स्थित एयरटेल कार्यालय पर काव्य गोष्ठी में डॉ. योगेश कौशिक ने कहा 'अध्यात्म तीर्थ कल-कल धारा, भारत को स्वर्ग बनाती आई, वहीं रैदास कठौते में आकर कर्मों का मान बढ़ाती आई', युवा कल्मकार देव चौधरी की कविता 'जब कर्म कठौता हाथ लिए मन से पावन जन हो जाए, तब गंगा की निर्मल धारा जीवन को धन्य बना जाए' को सुनकर सब मंत्रमुग्ध हो गए। नवोदित गीतकार ऋतिक अग्रवाल ने कहा 'है कर्म नहीं ऊंचा-नीचा, नीचापन मन में मत लाना, है सीख यही इस दुनिया को, कभी कर्म विमुख मत हो जाना' को सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। अध्यक्षता वृहत समाज सुधार इंटर कॉलेज छपरौली के प्रबंधक आशीष चंद्रमौलि ने कहा मां गंगा और भक्त रैदास साक्षात ज्ञान के स्त्रोत है। 'एक स्त्रोतस्विनी एक स्त्रोत कर्म, जीवन का समझाते है मर्म, करने है नमन हम बार-बार, जीवंत है जिनसे धर्म कर्म' की कविता को पसंद किया गया। ब्रह्मकुमार शर्मा, सतीश कुमार, रवि शर्मा, सद्दाम, प्रशांत वशिष्ठ उपस्थित रहे।