नारी कमजोर नहीं, बस उसे सुरक्षा और सम्मान दें: डा. प्रियंवदा
बड़ौत (बागपत): पुरातन काल से रूढि़यों की बेड़ी में जकड़ी महिलाओं के प्रति पुरुष प्रधान समा
बड़ौत (बागपत): पुरातन काल से रूढि़यों की बेड़ी में जकड़ी महिलाओं के प्रति पुरुष प्रधान समाज को सोच बदलनी होगी। उन्हें सुरक्षा के साथ सम्मान और महिलाओं के अधिकारों को लौटाना होगा। शक्ति स्वरूपा आज कमजोर नहीं है, बस जरूरत है उसे संपूर्ण अधिकार प्रदान करने की। महिला आयोग के अलावा केंद्र और प्रदेश सरकार इस ओर ठोस कदम उठा रही है, परंतु समाज को भी जागने की आवश्यकता है।
खासकर ग्रामीण व कस्बाई इलाकों में अभी भी रूढि़वादी परंपराएं हावी हैं। यह बात अलग है कि आज की जगत जननी पुरुष प्रधान समाज के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। सरहद पर सुरक्षा की बात हो या आसमान में उड़ान, खेल जगत हो या फिर फिल्मी दुनिया। हर जगह महिला ने जबरदस्त उपस्थिति दर्ज कराई है। बावजूद इसके, कुछ जगहों पर अभी भी महिला शोषण के मामले सामने आते रहते हैं। इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर परिवार को और सामूहिक तौर पर समाज व प्रशासन को अपनी-अपनी जिम्मेदारियां निभानी होगी। राज्य महिला आयोग महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहीं समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग से गोष्ठियां, अभियान आदि चलाकर महिलाओं के प्रति सोच को बदलने का प्रयास भी कर रहा है। प्रेरक अभियानों के माध्यम से यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि अभिभावक अपने बच्चों को ऐसे संस्कारों के साथ पोषित करें कि उनमें अपनी मां-बहनों के साथ-साथ अन्य महिलाओं के प्रति भी सम्मान का भाव विकसित हो सके और वह अच्छे समाज के निर्माण में भागीदारी बनें। शुरुआत तो परिवार के स्तर से ही करनी होगी। वहीं समाज स्तर पर भी मोहल्लावार ऐसे जिम्मेदार लोगों की नियुक्ति की जा सकती है, जो असामाजिक तत्वों की काउंसि¨लग कर सके। प्रशासनिक स्तर पर महिला आयोग यह सुनिश्चित करा भी रहा है कि महिलाओं की शिकायतें दर्ज हों और उन पर प्रभावी कार्रवाई हो।
---डा. प्रियंवदा तोमर
--सदस्य, राज्य महिला आयोग, उप्र
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शोषण की यहां करें शिकायत
डा. प्रियंवदा कहती हैं, महिलाओं, लड़कियों के खिलाफ छेड़छाड़ आदि घटनाओं के लिए आयोग के टोल फ्री नंबर 18001805220 पर नि:शुल्क शिकायत की जा सकती है। आयोग के सदस्या के तौर पर वह स्वयं कोशिश कर रही हैं कि महिलाओं की सुरक्षा में कहीं कोई कोताही न बरती जाए।
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शोषण के विरुद्ध उठाए आवाज
उन्होंने कहा कि महिलाएं शोषण के विरुद्ध आवाज उठाए। यदि कोई उन्हें प्रताड़ित करता है। यौन शोषण करता है या अन्य कोई शारीरिक हनन करता है तो उसका मुकाबला डटकर किया जाए, तभी नारी शक्ति को उसके अधिकार मिल पाएंगे। यदि महिलाएं आवाज नहीं उठाएंगी तो आरोपियों की हौसले बुलंद होंगे।