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भरपूर है गेहूं बुआई को खाद-बीज

गेहूं की बुआई करने के लिए किसानों को खाद और बीज की चिता करने की कतई जरूरत नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 10:36 PM (IST)
भरपूर है गेहूं बुआई को खाद-बीज
भरपूर है गेहूं बुआई को खाद-बीज

बागपत, जेएनएन। गेहूं की बुआई करने के लिए किसानों को खाद और बीज की चिता करने की कतई जरूरत नहीं है। किसान हित में प्रदेश सरकार की सख्ती के चलते सभी सरकारी, सहकारी और प्राइवेट बिक्री केंद्रों पर बीज व डीएपी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। सरकारी

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क्रय केंद्रों से गेहूं का बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहा है। यदि बीज-खाद खरीदने को किसान के पास पैसे नहीं है तो सहकारी समितियों से उधार में दिया जा रहा है।

बागपत में 55 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई का लक्ष्य है। अधिकांश किसान गन्ना कटाई बाद खेत खाली होने पर गेहूं बुआई करते हैं।

जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि 2250 कुंतल बीज मिला था जिसमें से 1500 कुंतल की बिक चुका है।

अब एचडी-2967, एचडी-3086 और डब्ल्यूएच-1142 उन्नत प्रजाति का 750 कुंतल बीज राजकीय बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध है। इस बीज पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। वहीं जिले में 4994 मीट्रिक टन डीएपी, 1391.49 मीट्रिक टन एनपीके, 626.45 मीट्रिक टन एमओपी, 568 मीट्रिक टन एसएपी और 8686 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। बागपत के नरेंद्र सिंह और सरूरपुरकलां के सुभाष नैन ने कहा कि बीज खाद आसानी से मिल रहा है। लेकिन चीनी मिलों से गन्ना पर्ची समय पर नहीं मिलने से गेहूं बुआई पिछड़ सकती है। स्मार्ट मीटर से जनता को लूट रही सरकार : सोमेंद्र ढाका

आप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोमेंद्र ढाका ने मंगलवार को सूबे में स्मार्ट मीटर में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रेसवार्ता की। कहा कि प्रदेश में लगभग 12 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल 30 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक बढ़कर आता है। एक मीटर पर यदि 500-600 रुपये तक बिजली बिल बढ़कर आ रहा है, तो लगभग 12 लाख मीटरों पर 60 करोड़ रुपये प्रति माह बिजली विभाग चोरी कर रहा है। उन्होंने मांग की कि जिन जगहों पर चेक मीटर लगाए गए हैं, उपभोक्ताओं से इसका कोई चार्ज न वसूला जाए, सर्वर आधारित डाटा पर कार्रवाई करके सभी 12 लाख मीटरों को बदला जाए। स्मार्ट मीटर द्वारा उपभोक्ताओं से वसूले पैसे को ब्याज समेत वापस किया जाए अथवा अगले बिजली बिल में उस राशि को समायोजित किया जाए। एक जनरल ऑर्डर के लिए जरिए कार्रवाई किया जाए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष ओमबीर सिंह सैन, चौधरी चंद्रशेखर त्यागी, चौधरी अजित सिंह, चौधरी विवेक एडवोकेट, चौधरी अमित एडवोकेट, सुधीर धामा आदि मौजूद रहे।


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