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साहित्य सर्जन को आनलाइन लाइब्रेरी का सहारा

साहित्यकारों की लेखनी से लाइब्रेरी कैफे में युवा रूबरू हो रहे हैं। मुंशी प्रेमचंद हो या महादेवी वर्मा या फिर धर्मवीर भारती सभी के लेखों को पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं। साथ ही चेतन भगत और अमीश त्रिपाठी जैसे लेखकों की किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इस लाइब्रेरी में युवा अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारियां करने के लिए पहुंच रहे हैं। पढ़ाई के लिए युवाओं को सबसे अछा और सुलभ प्लेटफार्म मिला है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 11:43 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 11:43 PM (IST)
साहित्य सर्जन को आनलाइन लाइब्रेरी का सहारा
साहित्य सर्जन को आनलाइन लाइब्रेरी का सहारा

बागपत, जेएनएन। साहित्यकारों की लेखनी से लाइब्रेरी कैफे में युवा रूबरू हो रहे हैं। मुंशी प्रेमचंद हो या महादेवी वर्मा या फिर धर्मवीर भारती सभी के लेखों को पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं। साथ ही चेतन भगत और अमीश त्रिपाठी जैसे लेखकों की किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इस लाइब्रेरी में युवा अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारियां करने के लिए पहुंच रहे हैं। पढ़ाई के लिए युवाओं को सबसे अच्छा और सुलभ प्लेटफार्म मिला है।

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बागपत शहर के रहने वाले मनोज नैन ने क्षेत्र के युवाओं की शिक्षा और उनके आगे बढ़ने की कोशिश में आ रही परेशानियों को समझते हुए मेरठ रोड पर एक आधुनिक लाइब्रेरी बनाई है। यहां पर युवाओं को पढ़ाई के लिए ऐसा माहौल दिया जहां पर पढ़ने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। समय की मांग को देखते हुए युवाओं को आधुनिक लाइब्रेरी का तोहफा दिया। यहां पर वाइफाइ और हर समय बिजली की व्यवस्था की गई। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जहां उन्होंने प्रसिद्ध अध्यापकों द्वारा तैयार नोट्स उपलब्ध कराए। वहीं 400 से 500 किताबें उपलब्ध कराई। इसमें साहित्य से लेकर अंग्रेजी और अन्य तरह की किताबें रखी हैं। उसके साथ यहां पर उन्होंने आनलाइन लाइब्रेरी संचालित की, जिसमें हजारों ही नहीं लाखों किताबें उपलब्ध कराई। इस लाइब्रेरी में युवा वर्ग जहां यूपी, दिल्ली पुलिस, एसएससी, टीईटी सहित अन्य तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तो कर ही सकते है। यहीं शांत मन से साहित्य से भी जुड़ने का सबसे अच्छा माध्यम है। देश के नामचीन लेखकों की किताबों को पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा रहे है। मनोज नैन ने बताते है कि अभी तो उन्होंने 300 सीटों से लाइब्रेरी को तैयार किया, लेकिन आगे इसे बढ़ाकर 500 सीटों से भी अधिक किया जाएगा। नीरज नैन ने बताया कि युवाओं जरूरत को देखते हुए यह लाइब्रेरी की व्यवस्था की है। यहां युवा दिन-रात पढ़कर अपनी तैयारियां कर सकते है। पढ़ाई के अलावा यहां अन्य किसी तरह की कोई सुविधा नहीं की गई।

साहित्य हो या अन्य विषय पढ़ाई का लाइब्रेरी अच्छा माध्यम

लाइब्रेरी कैफे में पढ़ाई करने वाले मवीकलां गांव निवासी अभिषेक ने बताया कि घर से भी ज्यादा अच्छा लाइब्रेरी कैफे में माहौल मिला है। यहां सुबह पढ़ाई करने आते हैं और शाम को ही यहां से निकलते है। एक घंटा जहां साहित्य को पढ़ने में लगाते है, वहीं बाकी समय अन्य विषयों को देते हैं। काठा गांव निवासी मोनू ने कहा कि यहां आनलाइन और आफलाइन पढ़ाई की व्यवस्था है, जिससे हमारी अच्छी तैयारी हो जाती है। काठा गांव के ही अंकुश ने कहा कि युवाओं को साहित्य का ज्ञान भी बहुत जरूरी है जो लाइब्रेरी ही सबसे अच्छा माध्यम है। अच्छे माहौल की वजह से यहां पढ़ने आते हैं।


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