तंत्र की गहराई में पैठ जमाए भ्रष्टाचार पर चला रहे आरटीआइ का अस्त्र
भारतीय जैन मिलन मेरठ से जैन समाज रत्न की उपाधि से अलंकृत हो चुके एडवोकेट विनोद जैन आरटीआई के अस्त्र से तंत्र की गहराई में जा चुके भ्रष्टाचार को उखाड़ने में जुटे हैं। तीन दशक से विधि व्यवसाय कर रहे विनोद जैन अब तक हजारों लोगों को आरटीआई एवं सूचना अधिकार के तहत न्याय दिलाने में सफल हुए हैं। वे न केवल आरटीआई के जरिए लोगों को न्याय दिलाते हैं बल्कि अन्य लोगों को भी सूचना के अधिकार के बारे में जागरूक भी करते हैं। आरटीआई के दम पर उन्होंने कई बार प्रशासन की खामियों को भी उजागर किया है।
बागपत, जेएनएन। भारतीय जैन मिलन मेरठ से जैन समाज रत्न की उपाधि से अलंकृत हो चुके एडवोकेट विनोद जैन आरटीआइ के अस्त्र से तंत्र की गहराई में जा चुके भ्रष्टाचार को उखाड़ने में जुटे हैं। तीन दशक से विधि व्यवसाय कर रहे विनोद जैन अब तक हजारों लोगों को आरटीआइ एवं सूचना अधिकार के तहत न्याय दिलाने में सफल हुए हैं। वे न केवल आरटीआइ के जरिए लोगों को न्याय दिलाते हैं बल्कि अन्य लोगों को भी सूचना के अधिकार के बारे में जागरूक भी करते हैं। आरटीआइ के दम पर उन्होंने कई बार प्रशासन की खामियों को भी उजागर किया है। एक वकील के साथ-साथ उनकी पहचान आरटीआइ एक्टिविस्ट के रूप में भी बन चुकी है।
पिछले 32 सालों से वकालत कर रहे विनोद जैन ने हमेशा गरीब और मजलूमों को न्याय दिलाया है। वकालत के पहले दिन से ही वह गरीबों के लिए नि:शुल्क केस लड़ते आ रहे हैं। इसके अलावा धर्म और शिक्षा से जुड़ा कोई भी मामला हो विनोद जैन उसके लिए भी कोई फीस नहीं लेते। बकौल, विनोद जैन अभी तक वह हजार से अधिक ऐसे केस लड़ चुके हैं, जिनके लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली। विनोद जैन बताते हैं कि वकालत के पेशे में कई दफा ऐसे केस भी सामने आए, जिन्हें नि:शुल्क न्याय की चौखट तक पहुंचाया और खर्च भी जेब से वहन किया। इसके अलावा जिन महकमों में किसी की सुनवाई नहीं हुई तो आरटीआइ के जरिए उन्होंने फरियादी को न्याय दिलाया। लोगों को आरटीआइ का नि:शुल्क परामर्श देने के साथ वह उन्हें भ्रष्टाचार से लड़ने की भी ताकत दे रहे हैं। कितने ही लोगों को आरटीआइ के जरिए न्याय दिला चुके हैं। वह खुद भी आरटीआइ मांगते हैं और लोगों को भी इसके लिए गोष्ठियां, बैठक आदि कर जागरुक करते हैं। उनका लक्ष्य है कि इस अधिकार के जरिए भ्रष्टाचार की जड़ उखाड़ दी जाए।