कथा में बहा भक्तिरस उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
श्रीश्री राधा गोविद गोड़ीय मठ के तत्वावधान में चल रही भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर भक्ति वेदांत श्रीधर महाराज ने कथा के विभिन्न प्रसंगों को सुनाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
बागपत, जेएनएन। श्रीश्री राधा गोविद गोड़ीय मठ के तत्वावधान में चल रही भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर भक्ति वेदांत श्रीधर महाराज ने कथा के विभिन्न प्रसंगों को सुनाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
शहर के आनंद गंज मंडी में भागवत कथा में तीसरे दिन श्रीधर महाराज ने आत्म देव ब्राह्मण का कथानक बखान करते हुए कहा कि कि आत्म देव के दो बेटे गोकर्ण और धुंधकारी थे, जिसमें गोकर्ण भगवान का सच्चा भक्त और धुंधकारी अधर्मी और पातकी कर्म में लिप्त था। धुंधकारी ने वेश्याओं पर सब कुछ लुटा दिया था अंत में वेश्याओं ने उसे मार दिया, जिससे वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने सूर्य की आराधना की तो उन्होंने मुक्ति बताई।
भागवत महापुराण सुनाने को कहा, उसके बाद गोकर्ण ने श्रीमद भागवत महापुराण का प्रतिष्ठान किया। धुंधकारी की प्रेत आत्मा का आह्वान कर उसे पुराण सुनाई, जिससे उसकी मुक्ति हुई और वह श्रीहरि के धाम गया। महाराज ने कहा कि कर्म और धर्म मनुष्य को उचित करने चाहिए और हिस्सा बंटवारा को लेकर आपस में भाई से रंजिश विवाद नहीं करना चाहिए। अंतत: भाई ही भाई के काम आता है। उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत महापुराण को नियमित नियम संयम पूर्वक सुनने से जीव को सुख शांति और अंत में मुक्ति प्राप्त होती है। इस मौके पर नवीन कृष्ण दास, तमाल कृष्ण दास, मधुसूदन दास, तरुण कृष्ण दास, गौरव कुमार आदि मौजूद थे।