रंछाड ने झेला 26 घंटे हंगामा, गम व गुस्सा
रंछाड गांव ने 26 घंटे हंगामा गम व गुस्सा झेला। गांव में सोमवार की दोपहर लगभग एक बजे कोविड-19 टीकाकरण केंद्र से शुरू हुआ हंगामा गाली गलौज मारपीट तोड़फोड़ आत्महत्या प्रदर्शन जाम और बवाल मंगलवार दोपहर लगभग तीन बजे समाप्त हुआ।
बागपत, जेएनएन। रंछाड गांव ने 26 घंटे हंगामा, गम व गुस्सा झेला। गांव में सोमवार की दोपहर लगभग एक बजे कोविड-19 टीकाकरण केंद्र से शुरू हुआ हंगामा, गाली गलौज, मारपीट, तोड़फोड़, आत्महत्या, प्रदर्शन, जाम और बवाल मंगलवार दोपहर लगभग तीन बजे समाप्त हुआ। इस दौरान रंछाड गांव ने न केवल तनाव झेला, बल्कि आमजन के साथ-साथ पुलिस-प्रशासन के अफसर भी परेशान दिखाई दिए। हंगामे के बाद से ही गांव में लोगों का जमावड़ा लगा रहा। कई पार्टियों के नेता भी पहुंचे और पीड़ित परिवार का दुख साझा किया। पहले सोमवार को टीकाकरण केंद्र पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच हाथापाई और मारपीट हुई। फिर बिनौली पुलिस ने श्रीनिवास के घर मारपीट और तोड़फोड़ की। मोहल्ले के भी कई लोगों को पीटा इसके बाद हंगामा तब हुआ जब अक्षय ने अपने खेत में आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी होने के बाद से तड़के तक हंगामा ही होता रहा। ग्रामीण अक्षय के घर के बाहर शव को ट्रैक्टर ट्राली में रख सड़क पर जाम लगाकर बैठ गए। लोग ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कई बार हंगामा किया।
एकजुट दिखे लोग
इस पूरे प्रकरण को लेकर रंछाड गांव के लोग एकजुट दिखे। उनका आरोप था कि पुलिस ने अक्षय के घर और मोहल्ले के कई लोगों के साथ मारपीट की। इससे क्षुब्ध होकर अक्षय ने आत्महत्या की। लोग आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई चाहते थे ऐसा न होने पर पुलिस अफसरों को चेतावनी दे रहे थे। पुलिस ने गांव के लोगों की मंशा भांपते हुए उनके कहे अनुसार ही कार्रवाई कर दी। उसके बाद लोग शांत हुए।
मुकदमा वापस लेने की मांग
एएसपी के आश्वासन पर जब अक्षय के पिता की ओर से पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा था तो लोगों ने एएसपी के सामने मांग रखी कि जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया है उसे समाप्त किया जाए।
पुलिस ने लिया सूझबूझ से काम
हंगामे के बाद रंछाड में बड़ौत, दोघट, रमाला, सिघावली अहीर, छपरौली थाने के अलावा पुलिस लाइन से पुलिस बल और पीएसी को बुला लिया गया। लेकिन यहां मौजूद एएसपी मनीष कुमार मिश्र, एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र, सीओ आलोक सिंह, सीओ अनुज मिश्र, तहसीलदार प्रदीप कुमार ने अपने प्रयासों से स्थिति को संभाले रखा। अधिकारी डीएम और एसपी को अपडेट करते रहे।