बापू के पौत्र ने कृष्णपाल को दिया पर्यावरण संरक्षक सम्मान
कृष्णपाल ¨सह जहां दो दशक से पश्चिम उप्र में ¨हडन संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं, वहीं सामाजिक-प्रशासनिकऔर राजनीतिक अड़चने झेलते हुए डौला गांव में 17 तालाबों से अतिक्रमण हटवाने का सराहनीय काम किया है।
जागरण संवाददाता, बागपत : दो दशक से जल संरक्षण में जुटे डौला निवासी कृष्णपाल ¨सह को तरुण भारत संघ ने पर्यावरण संरक्षक सम्मान से नवाजा है। यह सम्मान 15 जनवरी को राजस्थान के अलवर में महात्मागांधी के पौत्र अरुण गांधी और जल पुरुष राजेंद्र ¨सह ने प्रदान किया। उन्हें ¨हडन तथा तालाबों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए काम करने पर सम्मान मिला है।
अरुण गांधी और राजेंद्र ¨सह ने कहा कि कृष्णपाल ¨सह जहां दो दशक से पश्चिम उप्र में ¨हडन संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं, वहीं सामाजिक-प्रशासनिकऔर राजनीतिक अड़चने झेलते हुए डौला गांव में 17 तालाबों से अतिक्रमण हटवाने का सराहनीय काम किया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में रिट कर ¨हडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने को महत्वपूर्ण फैसला हासिल करने में सफलता पाई है।
जल पुरुष राजेंद्र ¨सह ने कहा कि आंदोलन के दौरान प्रलोभन, दबाव और धमकियों से बिना डरे कृष्णपाल ¨सह अपनी जल संरक्षण की मुहिम में जुटे रहे। वहीं कृष्णपाल ¨सह ने कहा कि यह सम्मान हमें नहीं बल्कि बागपत जनपद को मिला है। बागपत की जनता के सहयोग से ही वे जल संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। जल संरक्षण के लिए हर किसी को काम करना चाहिए, क्योंकि पानी के बिना हम कोई भी अपना संस्कार पूरा नहीं कर सकते।
अमेरिकन छात्रों ने की थी तालाबों पर रिसर्च
बागपत: मई-208 में अमेरिका की हंबोल्ट स्टेट यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया के प्रोफेसर लोनी ग्राफमैन तथा ग्लोरिया ब्राउन, हैली हैरेन, सोफिया बेगनर, जेस्मिन फिलिप्स, किम्बर्ली आर्ट, केन चेस, लोरनेज हेनारडेज, अन्ना सिप्टजर छात्र-छात्राओं के दल ने डौला आकर गौसाई तालाब, वाल्मीकि तालाब, हरिजनों वाला तालाब, धानकों वाला तालाब, तेली वाला तालाब, ठाकुरों वाला तालाब और कुम्हारों वाला तालाब समेत सत्रह तालाबों को देखा और रिसर्च की।