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अब आब से लबालब होंगे तालाब

यदि सरकार की संजीदगी बरकरार रही तो विलीन हो चुके तालाबों को फिर से नया जीवन मिल सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:08 AM (IST)
अब आब से लबालब होंगे तालाब
अब आब से लबालब होंगे तालाब

बागपत, जेएनएन। यदि सरकार की संजीदगी बरकरार रही तो विलीन हो चुके तालाबों को फिर से नया जीवन मिलने जा रहा है। तालाब आब अर्थात जल से लबालब होंगे। इनके चारों तरफ हरे-भरे बगीचे और नवनिर्मित पटरियां गांव के सुहाने अतीत को साकार कर देंगी। दरअसल, भूजल अटल योजना में बागपत के 62 तालाबों का चयन हुआ है, जिनकी खोदाई एवं सुंदरीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे। इससे इतर दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे और बागपत-मेरठ हाईवे समेत कई सड़कों का रुतबा बढ़ेगा।

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सूबे की सरकार अब तालाबों को लेकर गंभीर हो गई है। भूजल अटल योजना में चयनित तालाबों की खोदाई तथा सुंदरीकरण का काम तीन चरणों में होगा। प्रथम चरण में 14 तालाब, दूसरे चरण में 19 तालाब और तृतीय चरण में 29 तालाबों पर काम होगा। प्रथम चरण में चयनित तालाब दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे, बागपत-मेरठ हाईवे, बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग आदि सड़कों के किनारे स्थित हैं। तालाबों की खोदाई एवं उनके चारों तरफ पटरियां बनाकर पौधे रोपे जाएंगे। पटरियों पर फूलों के गमले, लोगों को बैठने के लिए बेंच तथा डस्टबीन होंगी। लघु सिचाई के अवर अभियंता विपिन त्यागी ने कहा कि तालाबों के एस्टीमेट बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

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इन तालाबों का हुआ चयन

प्रथम चरण के लिए सरूरपुर कलां, बिजरौल और रमाला गांवों के दो-दो तालाब तथा काठा, शाहपुर बड़ौली, बिराल, किशनपुर, ककड़ीपुर, दाहा, भड़ल और डौला गांव के एक-एक तालाब चयनित हुए। द्वितीय चरण के लिए फतेहपुर पुट्ठी, कमाला, कैड़वा, हजूराबादगढ़ी, ढिकौली, पांची, पिलाना, रटौल, हिसावदा, अहेडा, पावला, मलकपुर, सिनौली, जोनमाना, मुकंदपुर, रठौडा, सुल्तानपुर हटाना तथा तृतीय चरण के लिए बाघू, तितरौदा, हसनपुर जिवानी, इदरीशपुर, चौबली, हलालपुर, बाछौड़, सिलाना, लुहारा, जिवाना गूलियान, दोझा, चौपड़ा, धनौरा, सुन्हैड़ा, सांकरौद, मुबारिकपुर, गोठरा, घिटोरा, सिघावली, लुहारा, मतानतनगर, दत्तनगर, निरपुड़ा, मुलसम, सांकलपुट्ठी, गोसपुर, नवादा, अब्दुलपुर मेवला तथा सिरसली गांवों के तालाबों का चयन हुआ है।

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700 साल पुराने तालाब को मिलेगा जीवन

जलपुरुष राजेंद्र सिंह के डौला गांव के 1.700 हेक्टेयर क्षेत्रफल के 700 साल पुराने धानकों वाले तालाब का भी चयन हुआ है। पश्चिम उत्तर प्रदेश जल बिरादरी के अध्यक्ष एवं डौला निवासी कृष्णपाल सिंह ने बताया यह तालाब धार्मिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके एक छोर पर शीतला माता का स्थल तथा दूसरे छोर पर भूमिया है। बता दें कि डौला में कुल 17 तालाब हैं जो सभी 700 साल पुराने हैं।

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इनका कहना है..

भूजल अटल योजना में 62 तालाबों का चयन हो गया है। बजट मिलने पर काम कराया जाएगा।

- हुब लाल, सीडीओ।


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