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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 ईंट भट्ठों को जांच के बाद किया सील

तहसील क्षेत्र में आबोहवा को प्रदूषित कर रहे 13 ईंट-भट्ठों को सील कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 07:23 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:23 PM (IST)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 ईंट भट्ठों को जांच के बाद किया सील
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 ईंट भट्ठों को जांच के बाद किया सील

बागपत, जेएनएन : तहसील क्षेत्र में आबोहवा को प्रदूषित कर रहे 13 ईंट-भट्ठों को सील कर दिया गया है।ये सभी भट्ठे प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बगैर ही संचालित किए जा रहे थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तहसील प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई की कार्रवाई से भट्ठा संचालकों में खलबली मच गई है।

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मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अवर अभियंता प्रखर कटियार, एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र, तहसीलदार प्रदीप कुमार, सीओ आलोक सिंह ने माखर, जौहड़ी, नंगला, सिनौली, बिजरौल, रंछाड़, बाछौड़, जौनमाना, ढिकाना में संचालित 13 ईंट भट्ठों को सील किया।

एई प्रखर कटियार ने बताया कि जिले में 157 ईंट भट्ठे डिफाल्टर की श्रेणी में शामिल हैं, जिन्हें पूर्व में ही नोटिस तामील कर दिए गए थे। लखनऊ से मिले आदेश के बाद मंगलवार को बड़ौत क्षेत्र में 13 ईंट भट्ठों को चेकिग के बाद सील किया गया। इन भट्ठा मालिकों के पास पर्यावरण व अन्य मंजूरी नहीं है।

उधर, बागपत ईंट निर्माता समिति के जिलाध्यक्ष ने प्रशासन की इस कार्रवाई की निदा की है। उनका कहना है कि डिफाल्टरों की जो लिस्ट जारी की गई है, वह त्रुटिपूर्ण है। अधिकतर भट्ठे सभी मानकों पर खरे उतरते हैं। इसके लिए प्रशासन से दोबारा जांच कर लिस्ट को दुरुस्त करने की मांग की गई है।

रेलवे अंडरपास बने

मुसीबत का सबब

संवाद सूत्र, रमाला : क्षेत्र में बनाए गए रेलवे अंडरपास में बरसात का पानी भर गया, जिसको लेकर लोग परेशान हैं। गांव के लोग रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने को मजबूर हैं।

क्षेत्र में छह रेलवे अंडरपास बनाए हैं। सभी पर रेलवे इंजीनियरों ने बरसात का पानी रोकने को न तो टिनशेड लगवाए और न पानी को जमीन में डालने को बोरिग ही कराई। मंगलवार को हुई बरसात से जिवानी, जिवाना, असारा, बुढ़पुर, अंडरपास के नीचे तीन से पांच फुट तक पानी भर गया। इससे दुपहिया व चौपहिया वाहनों का आवागमन बंद रहा। इस कारण लोगों को दूसरी ओर जाने को जान जोखिम में डालकर लाइन पार करनी पड़ रही है। अंडरपास में पानी भर जाने से असारा, बुढपुर, जिवानी, जिवाना, कंडेरा, अशरफाबाद थल व आसपास के गांवों का संपर्क टूट गया। ग्रामीणों की परेशानी का समाधान कराने को न तो रेलवे इंजीनियर कोई कदम उठा रहे न जिला प्रशासन कुछ कर रहा। नरेंद्र सिंह, मनोज, नसीम, जमील, सुभाष, रोहन, तिलक सिंह, अजय, गुलाब, त्रिवेंद्र ने डीएम से समस्या का स्थाई समाधान कराने की मांग की है।


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