यह तो कमाल का प्रशिक्षण है भाई..
पंचायत राज विभाग आउटसोर्सिंग से अब प्रधानों तथा पंचायत सचिवों को डिजिटल पंचायत-सचिवों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बागपत, जेएनएन। पंचायत राज विभाग आउटसोर्सिंग से अब प्रधानों तथा पंचायत सचिवों को 'डिजिटल पंचायत-सक्षम पंचायत' का प्रशिक्षण दिला रहा है। वहीं प्रधानों ने सवाल खड़ा किया कि उनका कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म हो जाएगा। अब प्रशिक्षण दिलाने फायदा क्या है।
यह सुन सीडीओ अभिराम त्रिवेदी हैरान रह गए और जिला पंचायत राज अधिकारी से जवाब तलब किया।
सीडीओ ने जिला पंचायत राज अधिकारी से पूछा कि प्रधानों और पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण दिलाने की जानकारी हमें क्यों नहीं दी? कोरोना काल में प्रशिक्षण कराने की डीएम से अनुमति ली या नहीं? प्रशिक्षण स्थल पर कोरोना से बचाव का प्रबंध तत्काल कराने की हिदायत दी। नियमों का तत्काल पालन करने की हिदायत दी।
जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेंद्र ने जवाब दिया कि लखनऊ से ही प्रशिक्षण देने वाली संस्था का चयन किया गया है। सोमवार को बागपत, खेकड़ा और पिलाना ब्लाक कार्यालयों के सभागार में प्रधानों तथा पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया। सीडीओ के सामने प्रशिक्षण का मुद्दा प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष रामपाल धामा के नेतृत्व में कई प्रधानों ने उठाया है।
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ऐसा है प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण में ग्राम प्रधानों तथा पंचायत सचिवों को ई-ग्राम स्वराज साफ्टवेयर के माध्यम से ग्राम पंचायतों में आनलाइन
पेमेंट सिस्टम की जानकारी दी जा रही है। यानी डिजिटल सिग्नेचर, फंड ट्रांसफर और आनलाइन दैनिक एवं मासिक पुस्तिका
क्लोज करने समेत जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षक ब्रजपाल सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण पहले दिया जाना था, लेकिन लाकडाउन लगने के कारण प्रशिक्षण अब दिया जा रहा है। वहीं 25 नवंबर को बड़ौत, छपरौली और बिनौली के प्रधानों तथा सचिवों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।