सूखे पड़े हैं रजवाहे, कैसे हो सिचाई
पिछले तीन माह से पूर्वी यमुना नहर में पानी न आने से गेहूं की पलेवा नहीं हो रहा है।
बागपत, जेएनएन। पिछले तीन माह से पूर्वी यमुना नहर में पानी न आने से गेहूं की पलेवा नहीं हो रही है जिससे गेहूं की बुआई में देरी हो रही है। किसानों ने पूर्वी यमुना नहर में पानी छोड़ने की मांग की है।
पूर्वी यमुना नहर से बिजवाड़ा, किशनपुर, किरठल, मीरपुर आदि कई रजवाहे व माइनर निकलते हैं। क्षेत्र के 50 प्रतिशत किसानों की फसल की सिचाई इन्हीं रजवाहों पर निर्भर है। गेहूं की बुआई के लिए पलेवा का समय चल रहा है। सुरेश, अनिल, रामकुमार, मुकेश, संजीव आदि का कहना है कि पिछले तीन माह से पूर्वी यमुना नहर सूखी पड़ी है। उसमें पानी न छोड़े जाने से गेहूं की फसल में देरी हो रही है। गन्ने व सरसों की फसल भी सूखने के कगार पर है। किसानों ने जल्द पूर्वी यमुना नहर में पानी छोड़ने के लिए सिचांई विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है। सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बीरपाल सिह का कहना है कि पूर्वी यमुना नहर में पीछे सफाई आदि का कार्य चल रहा है जल्द ही कार्य पूर्ण होने पर पानी छोड़े जाने की उम्मीद है।
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बैठक कर मांग की
संवाद सूत्र, दाहा : गन्ना समस्या को लेकर बामनौली गांव में किसानों की बैठक हुई, जिसमें किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने गन्ने का भाव चार सौ रूपए कुंतल न कराया तो आंदोलन शुरू करेंगे। अजय कुमार के आवास पर गन्ना भाव को लेकर बैठक की अध्यक्षता करते हुए नरेश डायरेक्टर ने कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। सरकार किसान के गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया जा रहा है जबकि किसान महंगी खेती करने पर मजबूर बने है। बैठक में चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ही किसानों के गन्ने का भाव 400 रूपए कुंतल न कराया तो किसान आंदोलन शुरू करेंगे। बैठक में डाक्टर संजीव कुमार, विजय, जितेंद्र, रामकुमार, सुभाष, रामेहर, सुरेश आदि मौजूद रहे।