बुखार हो तो डाक्टर की सलाह से लें दवा
खेकड़ा सीएचसी पर कार्यरत डा. आमिर का कहना है कि बुखार होने पर खुद इलाज नहीं करना चाहिे।
बागपत, जेएनएन। खेकड़ा सीएचसी पर कार्यरत डा. आमिर का कहना है कि बुखार होने पर खुद इलाज न कर डाक्टर की सलाह के बाद ही दवा लेना चाहिए। कुछ लोग बुखार होने पर मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेनी शुरू कर देते हैं, जो गलत है। चार-पांच दिन बुखार के बाद अचानक कोरोना संक्रमण अपना असर दिखाना शुरू करता है। छठे या सातवें दिन संक्रमित मरीज को सांस लेने में परेशानी या अधिक खांसी होने लगती है। चार-पांच दिन भले ही लापरवाही हो, लेकिन जब सांस लेने में दिक्कत बने, तो कतई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। तुरंत ही सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लेकर इलाज शुरू करा देना चाहिए। चिकित्सक ही बता सकता है कि किस समय क्या दवा और व्यवस्था काम करेगी। उन्होंने कहा कि बुखार होने पर कतई लापरवाही न बरतें। शुरुआत में ही चिकित्सक की सलाह से इलाज कराना चाहिए। कोरोना को खुद पर न होने दें हावी
खेकड़ा कोविड अस्पताल से लौटे विकास का कहना है कि अस्पताल में अन्य संक्रमितों के बीच रहकर दिमाग में सिर्फ निगेटिव सोच पनपती है। अपने दिमाग को कोरोना संक्रमण में न लगाकर दूसरी तरफ रखना चाहिए। अगर कोरोना इंसान पर हावी होगा, तो मस्तिष्क के साथ शरीर भी काम करना बंद कर देगा। ऐसे में मनुष्य का शारीरिक स्तर गिरेगा और दवाइयां भी काम करना बंद कर देंगी। ऐसे में दवाई व परहेज संग दिमाग से संक्रमण को भी दूर रखना है। वह आठ दिन अस्पताल में रहे। शुरू के एक दो दिन परेशानी हुई, लेकिन जब मन को शांत किया, तो आराम लगना शुरू हो गया था। उन्होंने कई लोगों को समझाया, जिसके बाद उनकी हालत में भी सुधार आता चला गया।