राहुल की हत्या में ताऊ व तहेरा भाई गिरफ्तार
धनौरा सिल्वरनगर गांव में राहुल ने आत्महत्या हत्या नहीं की थी बल्कि भूमि के विवाद में हत्या कर दी थी।
बागपत, जेएनएन। धनौरा सिल्वरनगर गांव में राहुल ने आत्महत्या हत्या नहीं की थी, बल्कि भूमि के विवाद में उसके ताऊ और तहेरे भाई ने राहुल की हत्या कर दी थी। ताई भी इस घटना में शामिल रही। पुलिस ने आरोपित ताऊ व तहेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया है।
इंस्पेक्टर देवेश कुमार सिंह ने बताया कि 26 साल का राहुल पुत्र वीरपाल विनोद का भतीजा है। राहुल के दो भाई पिटू व अक्षय एवं एक बहन गुड़िया है। राहुल व गुड़िया की बचपन से ही परवरिश उनके मामा प्रमोद निवासी तुगाना गांव ने की है। वर्ष 1998 में राहुल के पिता वीरपाल की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद 2003 में राहुल की मां मुनेश की हत्या राहुल के ही ताऊ विनोद, राजकुमार और राजकुमार के नाबालिग बेटे ने कर दी थी। राहुल के ताऊ विनोद व राजकुमार को आजीवन कारावास हुआ था। वहीं, राजकुमार का नाबालिग बेटा छूट गया था। विनोद वर्ष 2005 से जमानत पर चल रहा था। राहुल व उसके भाइयों के पास 15 बीघा कृषि भूमि है। लगभग 15 दिन पहले राहुल अपने भाई पिटू के साथ अपने ताऊ विनोद के घर पर रहने लगा था। विनोद राहुल के हिस्से की पांच बीघा भूमि बिकवा कर कोई कारोबार करने की बात कर रहा था, लेकिन राहुल ने मना कर दिया। इसी बात को लेकर आठ मई की रात्रि विनोद के कहने पर उसके बेटे सचिन ने पिस्टल से राहुल के सीने में गोली मार दी, जिससे राहुल की मौके पर ही मौत हो गई। विनोद की पत्नी मुन्नी ने घटनास्थल पर पड़े खून को नाली में बहा कर सबूत मिटाने का काम किया।
घटना के बाद आरोपित विनोद व उसके बेटे सचिन ने राहुल के भाइयों को गोली मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। आरोपितों ने राहुल के भाई पिटू को धमकाकर इस घटना को आत्महत्या की तहरीर थाने में दिलवा दी थी। जब पुलिस को हथियार बरामद नहीं हुआ, तो दारोगा रामकिशन सिंह ने शक के आधार पर अपनी ओर से ही मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी, तो पूरे मामले का राजफाश होता चला गया। पुलिस ने हत्यारोपित विनोद पुत्र रणजीत और उसके बेटे सचिन को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त 32 बोर का पिस्टल बरामद कर लिया है। घटना के साक्ष्य मिटाने की आरोपित राहुल की ताई मुन्नी फरार चल रही है।