आंगनबाड़ी कार्यकत्री से लूटे 30,200 रुपये, मोबाइल
मीतली रजवाहा मार्ग पर बाइक सवार तीन बदमाशों ने बैंक से रुपये निकालकर ललियाना मार्ग से घर लौट रहे मां-पुत्र से 30 हजार रुपये लूट लिये। छीना-झपटी में दोनों स्कूटी लेकर सड़क पर गिर गये।
बागपत, जेएनएन। मीतली रजवाहा मार्ग पर बाइक सवार तीन बदमाशों ने बैंक से रुपये निकालकर ललियाना लौट रहे मां-बेटे से 30,200 रुपये व मोबाइल लूट लिया। धक्का देने पर मां-बेटा बाइक समेत सड़क पर गिरकर घायल हो गए। पुलिस ने कांबिंग की, लेकिन बदमाश हाथ नहीं लगे।
ललियाना गांव निवासी नीलम पत्नी सुभाष आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। बुधवार को दोपहर अपने 15 वर्षीय बेटे अभिषेक के साथ वह खेकड़ा की स्टेट बैंक शाखा से रकम निकालने आई थीं। यहां से महिला ने 2200 रुपये निकाले, जबकि 28 हजार उसके पास पहले से थे। रकम किसी जानकार को देनी थी। अभिषेक ने बताया कि तीन बदमाश पहले बाजार में मिले थे। उन्हें देखकर तीनों ने पीछा किया। मां बेटा जैसे ही मुबारिकपुर मार्ग से मीतली रजवाहा मार्ग पर चले तो पीछे से आए बाइक सवार तीन बदमाश ने महिला के हाथ से बैग लूट लिया। इसमें 30,200 रुपये व मोबाइल भी था। खींचातान में बदमाश ने धक्का दिया तो दोनों बाइक समेत सड़क पर गिरकर गए। पुलिस ने जिला अस्पताल ले जाकर दोनों का इलाज कराया। आंगनबाड़ी की तहरीर पर पुलिस ने तीन बदमाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इंस्पेक्टर एनएस सिरोही का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया है। बदमाश जल्द पकड़े जाएंगे।
गैर इरादतन हत्या में युवक को साढ़े तीन साल का कारावास
जागरण संवाददाता,बागपत : ईंट भट्ठा मजदूर की सवा तीन साल पूर्व हुई गैर इरादतन हत्या के मामले में अदालत ने आरोपित युवक को दोषी मानते हुए साढ़े तीन साल के कारावास की सजा सुनाई।
मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के ग्राम ज्ञाना माजरा रोडना निवासी धारा सिंह ने खेकड़ा थाना में मुकदमा दर्ज कराया था कि वह अपनी पत्नी और बेटे आकाश के साथ डूंडाहेड़ा गांव के भट्ठे पर ईंट पथाई का कार्य करता है। 17 मई 2018 की रात को उनके गांव के ही युवक मिटू पुत्र कपूर सिंह ने शराब पीकर झुग्गी के ऊपर से उन पर ईंट-पत्थर फेंके। इससे आकाश को नाक व पेट पर गंभीर चोट लगी। उसका निजी चिकित्सक से उपचार कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। 18 मई 2018 को दिल्ली अस्पताल ले जाते समय खेकड़ा पाठशाला के निकट पहुंचने पर आकाश की म़ृत्यु हो गई थी। वहीं पुलिस ने केस की विवेचना कर आरोपित मिटू के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
एडीजीसी राजीव तोमर ने बताया कि केस एडीजे शैलेंद्र पांडेय की विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट अदालत में विचाराधीन था। वादी व अन्य गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने गवाही व साक्ष्य के आधार पर आरोपित मिटू को दोषी मानते हुए साढ़े तीन साल के कारावास की सजा सुनाई तथा पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड नहीं चुकाने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।