पेराई की धीमी रफ्तार ने उड़ाई किसानों की नींद
गन्ना पेराई सत्र का डेढ़ माह गुजर चुका है लेकिन चीनी मिलों में गन्ना पेराई की रफ्तार धीमी है।
बागपत, जेएनएन। गन्ना पेराई सत्र का डेढ़ माह गुजर चुका है, लेकिन चीनी मिलों में गन्ना पेराई की रफ्तार धीमी है। बागपत में करीब छह करोड़ कुंतल गन्ना उत्पादन का अनुमान है, लेकिन अभी तक बागपत की तीनों चीनी मिलों में महज 38.02 लाख कुंतल गन्ना ही किसानों से खरीदा गया है।
दो दिसंबर तक मलकपुर चीनी मिल ने 26.61 लाख कुंतल, सहकारी चीनी मिल बागपत ने 5.90 लाख कुंतल गन्ना व सहकारी चीनी मिल रमाला ने 5.27 लाख कुंतल गन्ना खरीदा है। साफ है कि गन्ना खरीद व पेराई धीमी होने से हजारों किसानों को झटका है, क्योंकि गेहूं बुआई पिछड़ रही है। बागपत में गन्ना कटाई के बाद खाली हुई जमीन पर गेहूं की बुआई होती है।
गन्ना खरीद कम होने से अब तक बागपत में लक्ष्य के सापेक्ष महज 20 फीसदी गेहूं बुआई हुई। गेहूं बुआई पिछड़ती देख अनेक किसान अपना गन्ना कोल्हू-क्रेशरों पर समर्थन मूल्य से 100 रुपये प्रति कुंतल कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं। किसानों को डर है कि यदि समय पर गेहूं बुआई नहीं हुई तो उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। जिला गन्ना अधिकारी अनिल कुमार भारती का कहना है कि चीनी मिलों में सही गन्ना खरीद हो रही है। 3.46 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन
अब तक मलकपुर चीनी मिल में 2.58 लाख कुंतल, सहकारी चीनी मिल बागपत में 51 हजार कुंतल तथा रमाला चीनी मिल में 37 हजार कुंतल चीनी उत्पादन हो चुका है।