लीड: वेबिनार में पढ़ाई और स्कूल खोलने पर मंथन
दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित वेबिनार में कोरोना के संक्रमण काल में विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई और संस्था शीघ्र करने पर मंथन किया गया।
जागरण न्यूज नेटवर्क बागपत : दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित वेबिनार में कोरोना संक्रमण काल में बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
वेबिनार में अभिभावकों-प्रबंधकों ने इस तरह से रखे विचार
सवाल: वेबिनार में अभिभावक रजत गोयल ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों के पास स्मार्ट फोन रहता है। बच्चे इस दौरान गेम आदी खेलते है जिससे पढ़ाई से ध्यान हटने के साथ ही आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान होने वाले प्रभाव से कैसे बचाया जा सकता है।
जवाब: वनस्थली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य रणवीर सिंह ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों के पास अभिभावक मौजूद रहने चाहिए। स्कूल द्वारा भेज गए कार्य को लैपटॉप से पैन ड्राइव में लेकर अभिभावक समय के हिसाब से बच्चों को कार्य करा सकते हैं।
सवाल: अभिभावक डॉ. विकास वशिष्ठ ने कहा कि स्कूल खुलने के दौरान छात्र-छात्राओं के लिए मॉस्क व सैनिटाइजर से बचाव नहीं किया जा सकता। नेटवर्किंग आदि की समस्या के चलते ऑनलाइन कक्षाएं इतना ज्यादा सफल नहीं हो रही है। अभिभावक को भी इतनी जानकारी नहीं है कि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करा सके।
जवाब: माउंट लिट्रा स्कूल के प्रधानाचार्य विनय चौधरी का कहना है कि दिनोंदिन बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्कूल खोलना उचित नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान आने वाली परेशानियों का समाधान किया जा रहा है।
सवाल: अभिभावक आशा बंसल ने कहा कि कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन, लैपटॉप की सुविधा नहीं है। कई अभिभावकों की ऐसी स्थिति भी नहीं है कि वह बच्चों को अलग से फोन खरीदकर दे सके। साथ ही क्षेत्र में नेटवर्किंग की बड़ी समस्या है।
जवाब: ग्रोवैल गर्ल्स स्कूल के प्रधानाचार्य कमल जिदल का कहना है कि कोरोना संक्रमण का खात्मा जल्द होने वाला नहीं है। भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए सरकार को नेटवर्किंग सिस्टम को मजबूत बनाना चाहिए।
सवाल: अभिभावक अजय राज शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान अध्यापक बधाई के पात्र है। अभिभावक समझ रहे है कि सरकार स्कूलों को कोई राहत पैकेज जारी करेगी।
जवाब: जौहर पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रचना जौहर का कहना है कि अभिभावकों को छात्र-छात्राओं की फीस को देना चाहिए। सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों के लिए कोई राहत पैकेज जारी नहीं किया गया है। स्कूल मैनेजमेंट और अध्यापकों के साथ भी परिवार जुड़े हुए है। अभिभावकों को थोड़ा-थोड़ा कर फीस जमा करानी चाहिए।
जेपी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य शरण शर्मा ने कहा कि 15-20 वर्ष पहले वेबिनार के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। आने वाला समय बहुत कठिन समय है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अभिभावक वेबिनार से जुड़े और अपनी समस्याओं को रखे। अध्यापक अभिभावकों की समस्याओं को हल करे।
गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव खोखर का कहना है कि सरकार द्वारा जल्दबाजी में ऑनलाइन पढ़ाई का फैसला लिया गया।