रटौल व पूरनपुर नवादा में चार लोगों की मौत
जानलेवा बुखार से रटौल में दो महिला तो पूरनपुर नवादा में दो व्यक्तियों की मौत हो गई।
बागपत, जेएनएन। जानलेवा बुखार से रटौल में दो महिला तो पूरनपुर नवादा में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। निरंतर लोगों की मौत से ग्रामीणों में दशहत फैल रही है।
क्षेत्र में फैले जानलेवा बुखार से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को रटौल गांव में 32 वर्षीय पिकी पत्नी मोनू सैनी की बुखार से मौत हो गई। पिकी को पिछले पांच दिन से बुखार आ रहा था। उनका इलाज इलाज खेकड़ा निजी चकित्सक के यहां चल रहा था। इसके अलावा गांव के ही 60 वर्षीय हमीदा पत्नी इरफान ने तीन दिन बुखार में ग्रस्त रहने पर दम तोड़ दिया। वहीं शनिवार रात को पूरनपुर नवादा गांव में पखवाड़ा से बुखार से ग्रस्त रहे 50 वर्षीय लीले उर्फ फकीर व 60 वर्षीय चरण पुत्र रूपचंद की बुखार से मौत हुई। दोनो का इलाज निजी चिकित्सक के यहां चल रहा था। स्वजन ने दोनों की मौत आक्सीजन की कमी के कारण होना बताया है। लगातार क्षेत्र में हो रही मौतों के कारण ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से लोगों की जान बचाने के लिए बड़े स्तर पर गांवों में शिविर लगवाने की मांग की है। फखरपुर व सांकरौद में महिला समेत तीन की मौत
क्षेत्र में बुखार का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन किसी न किसी गांव में मौत होती ही रहती है लेकिन कोविड अस्पतालों में ड्यूटी के कारण स्वास्थ्य कर्मचारी किसी भी गांव में शिविर नहीं लगा पा रहे हैं। इससे मौत का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ रहा है। गांव फखरपुर निवासी इंद्रपाल को पिछले कई दिन से बुखार आ रहा था। इलाज को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं गांव में एक महिला की भी मौत होना ग्रामीण बता रहे हैं। वहीं सांकरौद गांव में कंवरपाल को कई दिन से बुखार आ रहा था। शनिवार रात इलाज को डाक्टर के पास जाते समय उनकी मौत हो गई। हुई मौतों से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से जान बचाने के लिए शिविर लगवाने व सैनिटाइज कराने की मांग की है।