किसानों की आवाज उठाकर हक दिला रहे सरजीत
किसानों को शोषण से मुक्ति व हक दिलाने के लिए बिनौली गांव के सरजीत सिंह प्रशासन ही नहीं शासन तक आवाज उठा रहे हैं।
बागपत, जेएनएन। किसानों को शोषण से मुक्ति व हक दिलाने के लिए बिनौली गांव के सरजीत सिंह प्रशासन ही नहीं, शासन तक आवाज पहुंचा रहे हैं। यदि यहां नहीं मिलता है तो उसके बाद अदालत का दरवाजा खटखटाकर किसानों को न्याय दिला रहे हैं।
सरजीत सिंह ने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ते समय सरजीत अपने घर व गांव में किसानों के साथ सरकारी तंत्र द्वारा अन्याय के किस्से सुनते रहते थे। उनके मन में किसान की समस्याओं को लेकर दर्द होता था। स्नातक के बाद परिवार की जिम्मेदारी आने पर खेतीबाड़ी का जिम्मा संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों की दुर्दशा व समस्याओं को नजदीक से देखा, जिसके बाद 20 साल पहले उन्होंने किसानों के लिए कुछ करने की ठान ली। आसपास के गांवों के किसानो की राजस्व संबंधी समस्याओं को आला अधिकारियों से मिलकर हल कराना शुरू किया, जो अब भी बदस्तूर जारी है। किसानों को राजस्व संबंधी नियम कानून के बारे में अवगत कराकर जागरूक करते हैं, जिससे किसानों का शोषण न हो सके। स्वयं उठाते हैं खर्च
किसानों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए जनपद मुख्यालय से लेकर शासन तक लखनऊ आने जाने के खर्च के अलावा शिकायती पत्र मसौदा तैयार करने आदि का खर्च भी स्वयं उठाते हैं। सरजीत सिंह बरनावा चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए व किसानों को शोषण से बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। किसानों की चक संबंधी समस्याओं को प्रशासनिक व शासन के अधिकारियों से हल कराकर उनका हक दिलवा रहे हैं।