कृष्णा नदी के किनारे हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र
संतों का डेरा एवं धार्मिक नगरी कहे जाने वाले बामनौली गांव में स्थित हनुमान मंदिर की क्षेत्र में मान्यता है। मंदिर में दूर दराज से श्रद्वालु आते हैं। हर दिन रामायण पाठ भी होता है। मंदिर परिसर में लगे महाभारत काल के प्रसिद्ध पेड़ ऑक्सीजन का भंडार परोस रहे हैं।
बागपत, जेएनएन : संतों का डेरा एवं धार्मिक नगरी कहे जाने वाले बामनौली गांव में स्थित हनुमान मंदिर की क्षेत्र में मान्यता है। मंदिर में दूर दराज से श्रद्धालु आते हैं। हर दिन रामायण पाठ भी होता है। मंदिर परिसर में लगे महाभारत काल के प्रसिद्ध पेड़ ऑक्सीजन का भंडार परोस रहे हैं।
बिनौली ब्लॉक के बामनौली गांव लगभग 800 साल पहले कृष्णा नदी के किनारे बसा था। बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग के किनारे स्थित हनुमान मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी होती है। मंदिर की सुंदरता के साथ साथ हर तरफ संगमरमर के पत्थर लगे हैं। लगभग 18 बीघा जमीन में बने इन मंदिर परिसर में कई सौ पेड़ लगे हैं जिनमे मौलिश्री के 101, 125 पीपल, 11 वट वृक्ष, 104 बोटल पाम, 30 पिलखन, 50 नीम के अलावा अशोक, फिस प्लांट, रात की रानी, दिन का राजा, हरसिगार आदि के पेड़ लगे हुए हैं जो ग्रामीणों को भरपूर ऑक्सीजन परोस रहे हैं। गुरु पूर्णिमा, श्रावण की सप्तमी, हनुमान जयंती, बाबा मंगलेश्वर महाराज की पुण्य तिथि पर विशेष आयोजन होते हैं जिनमे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। पूजन एवं भंडारों का आयोजन होता है। प्रतिदिन रामायण पाठ चलता है। देशी घी की अखंड ज्योत जलती है। प्रत्येक मंगलवार को प्रसाद वितरण होता है। मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था बनी हुई है।