गेहूं कटाई और गन्ना छिलाई कर रहे किसानों को चीनी मिलें बंद होने की चिता
चीनी मिलों का पेराई सत्र अंतिम चरण में पहुंच गया है इसलिए किसान गन्ने की छिलाई कर रहे हैं।
बागपत, जेएनएन। चीनी मिलों का पेराई सत्र अंतिम चरण में पहुंच गया है इसलिए किसान गन्ने की छिलाई कर रहे हैं। गेहूं की फसल पक जाने के बाद कटाई का काम भी जोरों पर चल रहा है। गेहूं कटाई और गन्ना छिलाई के बीच किसान दो परेशानियों में फंसे हुए हैं। एक तो किसानों को डर है कि कहीं चीनी मिल बंद न हो जाए क्योंकि उनके पास एकाएक ज्यादा इंडेंट आ रहा है दूसरा आए दिन मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है, चिता है कि गेहूं की फसल न भीग जाए। ऐसे में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दोनों समस्याओं के साथ-साथ किसानों को कोरोना वायरस से बचाव करना पड़ है।
रंछाड़ गांव के रहने वाले किसान रविद्र हट्टी ने उनका गन्ना किनौनी चीनी मिल को सप्लाई होता है। चीनी मिल ने समय रहते तो इंडेंट जारी नहीं किया, लेकिन बुधवार को चीनी मिल ने एक साथ ज्यादा इंडेंट जारी कर दिया और तीन मई का चीनी मिल बंदी का नोटिस जारी कर दिया है। इससे उनके सामने दुविधा यह पैदा हो गई है कि वह गन्ने की छिलाई कर चीनी मिल को गन्ना दे या फिर गेहूं की पक चुकी फसल की कटाई करे। दोघट कस्बे के रहने वाले शीशपाल ने बताया कि उनका गन्ना भैंसाना चीनी मिल को जाता है। चीनी मिल ने अचानक उनके पास ज्यादा इंडेंट भेज दिया है, जिससे अब उन्हें परेशानी हो रहा है चूंकि गेहूं कटाई का काम भी चल रहा है। अंगदपुर गांव के पूर्व प्रधान चंद्रपाल श्योराण, जौहड़ी गांव के सोहन प्रधान ने बताया कि उनका गन्ना मलकपुर चीनी मिल को जाता है, उन्हें भी चीनी मिल से ज्यादा इंडेंट जारी किया गया है। रमाला क्षेत्र के कई किसानों ने भी कमोबेश यही समस्या बताई है। रमाला चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक डाक्टर आरबी राम और मलकपुर चीनी मिल के यूनिट हेड विपिन चौधरी ने बताया कि सभी किसानों का पूरा गन्ना लिया जाएगा, लेकिन किसान गेहूं कटाई के साथ-साथ इंडेंट के समयानुसार गन्ना भी पहुंचाते रहे।