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रात में बूंदाबांदी, सुबह घना कोहरा, घरों में कैद हो गए लोग

सर्दी का सितम बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को आधी रात के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई जिससे तापमान गिर गया। सुबह बूंदाबांदी तो नहीं थी लेकिन चारों ओर घना कोहरा छाया हुआ था। लोग घरों से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जिन्हें जरूरी कार्य था वहीं बाहर निकले। सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे थे। सर्दी इतनी ज्यादा थी कि आम जन ठिठुरकर रह गया। बस स्टैंड रेलवे स्टेशन सरकारी दफ्तरों में भीड़भाड़ कम रही। बस ट्रेन आदि वाहनों में यात्रियों की संख्या भी कम देखने को मिली। दोपहर के समय सूर्य देव कुछ ही देर के लिए निकले जिस पर लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन उसके बाद सूर्य देव फिर ओझल हो गए। बाजार में भी लोगों की आवाजाही कम देखने को मिली। कई दुकानदार खाली बैठे नजर आए। दुकानों पर अलाव अवश्य जलते दिखाई दिए जिन पर लोग हाथ तापकर सर्दी दूर कर रहे थे। शाम ढलते ही फिर कोहरा बढ़ने लगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:26 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:26 PM (IST)
रात में बूंदाबांदी, सुबह घना कोहरा, घरों में कैद हो गए लोग
रात में बूंदाबांदी, सुबह घना कोहरा, घरों में कैद हो गए लोग

बागपत, जेएनएन। सर्दी का सितम बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को आधी रात के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई, जिससे तापमान गिर गया। सुबह बूंदाबांदी तो नहीं थी, लेकिन चारों ओर घना कोहरा छाया हुआ था। लोग घरों से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जिन्हें जरूरी कार्य था वहीं बाहर निकले। सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे थे। सर्दी इतनी ज्यादा थी कि आम जन ठिठुरकर रह गया। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सरकारी दफ्तरों में भीड़भाड़ कम रही। बस, ट्रेन आदि वाहनों में यात्रियों की संख्या भी कम देखने को मिली। दोपहर के समय सूर्य देव कुछ ही देर के लिए निकले, जिस पर लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन उसके बाद सूर्य देव फिर ओझल हो गए। बाजार में भी लोगों की आवाजाही कम देखने को मिली। कई दुकानदार खाली बैठे नजर आए। दुकानों पर अलाव अवश्य जलते दिखाई दिए, जिन पर लोग हाथ तापकर सर्दी दूर कर रहे थे। शाम ढलते ही फिर कोहरा बढ़ने लगा।

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सरसों की फसल के लिए नुकसान

गुरूवार को अचानक आए बदलाव के साथ शुरू हुए घने कोहरे एवं बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित हुआ। कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी रही। हल्की बारिश के कारण मार्गों पर फिसलन बनी रही। किसानों ने बताया कि यदि इस समय बारिश हुई तो खेतों में खड़ी सरसों की फसल को नुकसान उठाना पड़ सकता है चूंकि सरसों की फसल पर फलियां बनी हुई हैं जिससे फसल पर वजन बढ़ने से गिरने का डर बना हुआ है। इससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर खिंच गई हैं।


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