चारे का इंतजाम नहीं रहने के जिम्मेदार भी नहीं ले रहे खबर
बेसहारा गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाने के लिए तमाम दावे हो रहे हैं लेकिन हकीकत से पर्दा चौगामा क्षेत्र के उन गांवों में उठ रहा है जहां गोवंश खेतों में गेहूं की फसलों को खा रहे हैं।
बागपत, जेएनएन। बेसहारा गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत से पर्दा चौगामा क्षेत्र के उन गांवों में उठ रहा है, जहां गोवंश खेतों में गेहूं की फसलों को खा रहे हैं। उधर, बड़ौत शहर में भी बेसहारा गोवंश बारिश से बचने के लिए सड़क किनारे बरामदों को खड़े होने को मजबूर हैं।
चौगामा क्षेत्र के दोघट, टीकरी, दाहा, बामनौली, बेगमाबाद गढ़ी, मांगरौली, पुसार, तमेलागढ़ी, भड़ल, धनौरा, सरौरा, निरपुड़ा, हिम्मतपुर सूजती, गांगनौली, मौजिजाबाद नांगल, पलड़ा, आजमपुर मुलसम, पलड़ी, नंगला कनवाड़ा, चित्तमखेड़ी, झुंडपुर, मिलाना, फौलादनगर, शाहजहांपुर, आदमपुर, इदरीशपुर आदि गांवों में बेसहारा गोवंश घूम रहे हैं। इनके रहने के लिए गोवंश आश्रय स्थल नहीं बनाए गए हैं। गोवंश खेतों में खड़ी गेहूं आदि की फसलों को खा रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। उधर, बड़ौत शहर में काफी गोवंश सड़कों पर भटक रहे हैं। बुधवार को बारिश हुई तो गोवंश सड़क किनारे बरामदों के नीचे खड़े हो गए।
बड़ौत क्षेत्र में दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बेसहारा गोवंश बुरी तरह ठिठुर गए हैं। कड़ाके की ठंड और ऊपर से बारिश से बचने के लिए गोवंश के लिए किए इंतजाम खोखले नजर आए।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. रविद्र ने बताया कि कितने ही स्थानों पर गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं और जिन स्थानों पर आश्रय स्थल नहीं हैं वहां बनवाए जा रहे हैं।