छपरौली क्षेत्र में भटक रहे गोवंश, अफसर बेफिक्र
मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश की देखरेख को लेकर भले ही कितने चितित हो लेकिन जनपद में तैनात अफसर गोवंश का कितना ख्याल रख रहे हैं। इसका अंदाजा सड़कों पर भूखे-प्यासे घूमने वाले गोवंश को देखकर आराम से लगाया जा सकता है।
बागपत, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसहारा गोवंश की देखरेख को लेकर भले ही चितित हों, लेकिन जनपद में तैनात अफसर गोवंश का कितना ख्याल रख रहे हैं, इसका अंदाजा सड़कों पर भूखे-प्यासे घूमने वाले गोवंश को देखकर आराम से लगाया जा सकता है। उधर, क्षेत्र में जिन स्थानों पर अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बने हुए हैं, वहां चारा आदि की गंभीर समस्या है।
छपरौली कस्बा, बदरखा व हेवा आदि गांवों में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल हैं, जहां गोवंश छोड़े गए हैं। गोवंश को चारा-पानी आदि कैसा मिल रह है इसकी पोल कुछ दिन पहले विधायक सहेंद्र सिंह के निरीक्षण में सामने आ गई थी। एसडीएम ने स्वयं देखा था कि खोर में कई दिन से चारा नहीं है और भूखे गोवंश खोर के सामने खड़े हैं।
बीडीओ राजीव ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल निर्माण को लेकर कार्यवाही कराई जा रही है।
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कहां छिपे हैं सांड़ों
को मारने वाले
बड़ौत: कई दिन पहले बड़ौत शहर के पास एक कमरे से नौ सांडों को मृत हालत में निकाला गया था। सभी की भूख-प्यास और दम घुटने से तड़प-तड़पकर मौत हुई थी। कोतवाली में मुकदमा दर्ज हैं, लेकिन औद्योगिक पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा सकी कि किसने सांड़ों को कमरे में बंद कर बाहर से दरवाजा बंद किया था। सीओ रामानंद कुशवाहा ने बताया कि आरोपितों की तलाश की जा रही है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।